महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक पहल
- लौका गांव में जनजातीय महिलाओं के लिए एक पहल शुरू की गई हैं। जहाँ उनको चिप्स, पापड़, जैम, जेली, बड़ी, बेकरी उत्पाद, नमकीन आदि चीज़े बनाने का दो-दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पंतनगर, उत्तराखण्ड : समय-समय पर महिलाओं के विकास व उनको रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार कई प्रकार के कार्यक्रम चलाती रहती है, जिससे वह स्वयं आत्मनिर्भर बन अपने साथ-साथ अपने परिवार के विकास में भी आर्थिक योगदान दे सकें। इसी क्रम में एक अनोखी पहल लौका गांव में जनजातीय महिलाओं के लिए शुरू की गई, जहाँ उनको चिप्स, पापड़, जैम, जेली, बड़ी, बेकरी उत्पाद, नमकीन आदि चीज़े बनाना का दो-दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण के साथ-साथ महिलाओं को इन उत्पादो को बेचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जिससे महिलाएं स्वयं सामान बनाकर ऑनलाइन बेच सकें।
वही महिलाओं को कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से कच्चे माल एवं अन्य उपकरण जैसे प्लास्टिक टब, कंटेनर, आटा, मैदा, चीनी, रिफाइंड तेल, उर्द की दाल और सूजी वितरित की जा रही हैं । जिससे प्रशिक्षण के दौरान उन्हें किसी भी सामाग्री की कमी न पड़े।
आपको बता दें यह पहल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वित्तीय सहयोग से जीबी पंत कृषि विवि के कृषि संचार विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से की गई है। इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि महिलाओं को किसी के समक्ष हाथ न फैलाने पड़े वह अपने पैरों पर स्वयं खड़ी होकर अपने लिए और दूसरो के लिए उदाहरण बन सकें, क्योंकि एक सशक्त नारी ही सशक्त समाज का निर्माण करती है।