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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने बदली गांव की महिलाओं की तस्वीर

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देहरादून

उत्तराखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत गांव की महिलाओं ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर कुछ करने का संकल्प हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान बन सकता है। देहरादून जिले के सोरना गांव की महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और अपने साहस व मेहनत से कई और लोगों के लिए मिसाल पेश कर रही हैं। यहां की 10 महिलाओं ने मिलकर "बद्रीनाथ स्वयं सहायता समूह" का गठन किया और अक्टूबर 2023 में डेयरी व्यवसाय की शुरुआत की।


 आज ये महिलाएं पनीर, घी, मक्खन और दही जैसे उत्पाद बना रही हैं, जिन्हें वे स्थानीय दुकानों में बेचती हैं। कभी जो महिलाएं पूरी तरह परिवार की आय पर निर्भर थीं, आज खुद कमाई कर रही हैं और परिवार की मजबूत नींव बन चुकी हैं। हालांकि शुरुआत आसान नहीं थी। पैसों की तंगी, बाजार की जानकारी की कमी और बेचने में आ रही दिक्कतों ने कदम-कदम पर चुनौती दी। लेकिन इन महिलाओं ने हार नहीं मानी। उनके हौसले को पहचानते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें रिवॉल्विंग फंड जैसी योजनाओं से आर्थिक सहायता प्रदान की। समूह को ₹15,000 की मदद दी गई, जिसने उनके व्यवसाय को गति दी।



 आज इस डेयरी से जुड़ी हर महिला हर महीने ₹4,000 से ₹12,000 तक कमा रही है। आत्मनिर्भरता की इस राह ने न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति सुधारी है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और पहचान भी दिलाई है। NRLM से जुड़कर इन महिलाओं ने यह दिखा दिया कि यदि सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता की ऊंचाइयों को छू सकती हैं। सोरना गांव की ये महिलाएं आज यह संदेश देती हैं कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और दिशा सही हो, तो महिलाएं न केवल अपनी जीवन बदल सकती हैं, बल्कि पूरे समाज को नई दिशा दे सकती हैं।