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श्रद्धालु ले रहे समुद्र मंथन का अद्भुत अनुभव, एआई के जरिए 'नारायण' से संवाद

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- रोजाना 7-8 हजार श्रद्धालु इस अनोखे अनुभव का आनंद ले रहे हैं। अब तक 90 हजार से अधिक लोग डिजिटल कुंभ का हिस्सा बन चुके हैं

- शनिवार को करीब 8 हजार श्रद्धालुओं ने डिजिटल कुंभ में भाग लिया और इसका आनंद उठाया 

प्रयागराज। प्रयागराज में आयोजित डिजिटल कुंभ लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। रोजाना 7-8 हजार श्रद्धालु इस अनोखे अनुभव का आनंद ले रहे हैं। अब तक 90 हजार से अधिक लोग डिजिटल कुंभ का हिस्सा बन चुके हैं। शनिवार को करीब 8 हजार श्रद्धालुओं ने डिजिटल कुंभ में भाग लिया और इसका आनंद उठाया।  

समुद्र मंथन का अद्भुत दृश्य -  

डिजिटल कुंभ में समुद्र मंथन की झांकी को देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह अनुभव ऐसा है जैसे वे स्वयं समुद्र मंथन के समय उपस्थित हों। भगवान नीलकंठ की प्रतिमा, एरावत हाथी और नौका विहार जैसे डिजिटल अनुभव लोगों को बेहद आकर्षित कर रहे हैं।  

डिजिटल दीप दान और सेल्फी का क्रेज -  

डिजिटल दीप दान श्रद्धालुओं को खासा लुभा रहा है। लोग दीप जलाते समय और नौका विहार में सेल्फी लेना नहीं भूल रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस आयोजन ने सनातन संस्कृति और अध्यात्म को आधुनिक तकनीक से जोड़कर एक अद्भुत अनुभव प्रदान किया है।  

एआई के जरिए 'नारायण' से बातचीत -

डिजिटल कुंभ का एक और अनोखा पहलू है एआई तकनीक, जिसके माध्यम से श्रद्धालु 'नारायण' से संवाद कर रहे हैं। श्रद्धालु अपने सवाल पूछते हैं और भगवान का हालचाल भी जानने का अवसर पाते हैं। इसे लोग सनातन परंपरा और तकनीक का अनोखा संगम बता रहे हैं।  

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया -  

 एक श्रद्धालु अजमेर: "डिजिटल कुंभ का अनुभव अद्भुत है। इसके माध्यम से समुद्र मंथन की प्रक्रिया और अमृत की धारा के बारे में जानने का मौका मिला।"  

 एक श्रद्धालु: "यह बहुत सुंदर है। ऐसा लग रहा है जैसे पूरी दुनिया यहीं दिखाई दे रही हो। प्रयागराज में देवताओं का वास तो है ही, लेकिन इस आयोजन में भगवान के दर्शन ने इसे और खास बना दिया।"  

पर्यटन विभाग की पहल -  

डिजिटल कुंभ का आयोजन पर्यटन विभाग की ओर से किया गया है। डिजिटल कुंभ के मैनेजर सोरन तोमर का कहना कि अब तक 90 हजार से ज्यादा लोग इसका आनंद ले चुके हैं। इस पहल ने न केवल प्रयागराज की आध्यात्मिक महत्ता को डिजिटल युग से जोड़ा है, बल्कि तकनीक के माध्यम से सनातन धर्म की परंपराओं को नए आयाम दिए हैं। डिजिटल कुंभ का यह अद्भुत आयोजन आधुनिकता और अध्यात्म का अनोखा संगम है, जो श्रद्धालुओं को एक यादगार अनुभव प्रदान कर रहा है।