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सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने भगवान वाल्मीकि आश्रम गोहाना से दिया समरसता का संदेश

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गोहाना, हरियाणा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने गोहाना वाल्मीकि आश्रम से समरसता का संदेश देते हुए सर्वसमाज से कहा कि प्रभु श्री राम से विश्व का परिचय कराने वाले भगवान वाल्मीकि हैं. रामायण महाकाव्य में प्रेम मधुरता व समरसता का सार छिपा हुआ है. उन्होंने आश्रम में प्रवेश करते ही संतों की समाधियों पर पुष्प अर्पित किये एवं प्रभु वाल्मीकि की प्रतिमा के दर्शन कर आरती में भाग लिया.

मोहन भागवत की अगवानी आश्रम के मुख्यसेवक दीपक आदित्य, पवन कुमार व प्राण रत्नाकर ने की.

सरसंघचालक ने आश्रम में उपस्थित विभिन्न जाति वर्ग के प्रतिनिधियों से अपील की कि उन्हें महर्षि वाल्मीकि आश्रम में नित्यप्रति आना चाहिए ताकि परस्पर प्रेम प्रगाढ़ हो तथा धर्म व देश और अधिक मजबूत बने. उन्होंने उपस्थित संतों को 22 जनवरी को मन्दिरों में दीपावली मनाने तथा सीधा प्रसारण देखने के लिए अक्षत भेंट कर निमन्त्रण दिया. इस अवसर पर मनशाह महाराज, रमेश विकल महाराज, रविशाह महाराज, गुरुचरण स्वामी, सांवरी मैया, डॉ. बुद्ध प्रताप महाराज, दिव्यनंद पुरी महाराज राजेंद्र दास उपस्थित रहे. सरसंघचालक जी ने सभी उपस्थित संतों को शाल ओढ़ाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.

स्मरण रहे कि इसी आश्रम से राम मन्दिर निधि समर्पण का शुभारम्भ स्वामी ज्ञानानंद महाराज की उपस्थिति में हुआ था.