शुक्रवार को आशा भोसले की बायोग्राफी 'स्वर स्वामिनी आशा' को लॉन्च किया गया. जीवनी लॉन्च के कार्यक्रम के दौरान सिंगर सोनू निगम ने आशा भोसले के पांव पखारे. इस दौरान सोनू निगम ने आशा भोसले के पांवों को चूमकर उनका आशीर्वाद भी लिया. पिछले सात दशक से भी ज्यादा समय से आशा भोसले गायकी के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं. पुस्तक के प्रकाशन के अवसर पर आशा भोसले को सम्मानित भी किया गया. उनके छोटे भाई और मशहूर संगीत निर्देशक पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने अपनी बहन को एक साड़ी भेंट की. यह एक भावुक अवसर था. हृदयनाथ मंगेशकर ने जोर देकर कहा कि आशाताई ने उन्हें पालने में बहुत मेहनत की है.
इस अवसर पर बोलते हुए हृदयनाथ मंगेशकर ने बहन आशा भोसले के साथ कई मार्मिक अनुभव बताए. उन्होंने कहा, "1942 की एक दोपहर में, आशा मुझे थालनेर में तापी के किनारे ले गईं और कई दिनों तक खुद भूखे रहन बाद मेरी देखभाल की."
उन्होंने कहा कि आशा एक महान गायिका बन गईं, लेकिन उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया कि वह गाती हैं. जब मैंने उनका गाना सुना तो मैं चौंक गया, क्योंकि हमारे सभी भाई-बहन दीनानाथ मंगेशकर के सामने गा रहे थे, लेकिन मैंने कभी आशा भोसले को गाते नहीं देखा था.
वहीं, आशा भोसले ने कृतज्ञतापूर्वक कहा कि उन्हें अपने जीवन में अनेक लोगों का आशीर्वाद और सहयोग मिला है, आप महिलाओं ने मुझे पार्श्व गायिका बनाया. 'बाला जोजो रे, पापाणी पंखुड़ीत जोफू दे आयुम चि पाखेरे, बाला जोजो रे...' गीत लोकप्रिय होने के बाद मुझे हिंदी में भी काम मिलना शुरू हुआ. मुझे अनेक संगीतकारों के साथ काम करने का अवसर मिला.
इस अवसर पर आशा भोसले ने दिवंगत सुधीर फड़के और यशवंत देव के साथ संगीत के निर्माण की कहानियां सुनाईं. आशा भोसले द्वारा प्रस्तुत सुधीर फड़के और यशवंत देव के गीतों ने दर्शकों की सराहना बटोरी. मंगेशकर परिवार की सावरकर भक्ति किसी से छिपी नहीं है. आशा भोसले ने विनायक दामोदर सावरकर को 'अपना भगवान' बताकर उनकी यादें ताजा कीं.