पिछले कुछ वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत विकास और व्यापार की समग्र सोच और सुधार के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार की नई पहल और प्रयासों के कारण आज पूरे विश्व में भारतीय उत्पादों की मांग और विश्वनीयता लगातार बढ़ती जा रही है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी लगातार वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने की बात करते हैं।
इसी का परिणाम है कि कल तक जिन भारतीय फूलों की मांग केवल देश के मन्दिर और घाटों तक सीमित थी आज उनकी मांग विदेशी बाजारों में भी तेजी से बढ़ रही है। पूर्वांचल के गेंदे के फूलों की लोकप्रियता का अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि एपीडा ने पहली बार संयुक्त अरब अमीरात के लिए चार सौ किलो गेंदा फूलों का निर्यात किया है। न केवल गेंदे के फूल भेजे गए हैं बल्कि गुलाब के फूलों का भी सैंपल भेजा है।
जिससे फूल किसानों में उत्साह का वातावरण है। पहले की तुलना में उनकी आर्थिक स्थिति में भी निरन्तर सुधार हो रहा है। आपको बता दें कि वाराणसी एयरपोर्ट से अभी तक बनारसी लंगड़ा आम, हरी मिर्च और मौसमी सब्जियों का ही निर्यात होता था अब फूलों का नाम भी इस सूची में जुड़ गया है। इस निर्यात पर एपीडा ने कहा कि कृषि उत्पादों के निर्यात में किसान उत्पाद संगठन को जोड़ा जा रहा है।
इसका सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। एपीडा की सहायता से प्रति माह वाराणसी से 90 से 100 मीट्रिक टन कृषि उत्पादों का निर्यात हो रहा है। नि:संदेह फूलों के निर्यात से किसानों की आय बढ़ेगी तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूत होने के साथ ही समर्थ एवं सशक्त भारत के निर्माण में भी मदद मिलेगी।