- घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था, चकरप्लेट, पेयजल, शौचालय एवं बिजली जैसी सुविधाएं बहाल रहेंगी
- महाकुंभ समाप्त होने के बाद पंडाल, प्रदर्शनी, विशेष जेटी, हॉट एयर बैलून और हेलीकॉप्टर सेवा जैसी आकर्षण खत्म कर दिए जाएंगे
महाशिवरात्रि के बाद भी संगम क्षेत्र में स्नान एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था, चकरप्लेट, पेयजल, शौचालय एवं बिजली जैसी सुविधाएं बहाल रहेंगी। इसके अलावा, श्रद्धालु नाव के माध्यम से संगम स्थल तक पहुंचकर स्नान कर सकेंगे। हालांकि, महाकुंभ समाप्त होने के बाद पंडाल, प्रदर्शनी, विशेष जेटी, हॉट एयर बैलून और हेलीकॉप्टर सेवा जैसी आकर्षण खत्म कर दिए जाएंगे।
महाशिवरात्रि के बाद भी श्रद्धालुओं की भीड़ की संभावना-
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद भी संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। मेला प्रशासन के अनुसार, बीते शनिवार को दोपहर 12 बजे तक ही करीब 75 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे। इसे देखते हुए महाशिवरात्रि के बाद भी पांच से दस मार्च तक मेला अवधि बढ़ाने की चर्चा थी, लेकिन मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।
संगम क्षेत्र में बनी रहेंगी सुविधाएं-
श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए संगम क्षेत्र यानी सेक्टर दो, तीन और चार में आवश्यक सुविधाएं जारी रहेंगी। बारिश होने तक संगम घाट और आसपास के घाट भी बने रहेंगे। पेयजल, शौचालय, बिजली एवं अन्य सुविधाओं को न केवल बहाल रखा जाएगा बल्कि जरूरत के अनुसार उनमें विस्तार भी किया जाएगा।
बोट क्लब और किला घाट से नावें संगम स्थल के लिए उपलब्ध रहेंगी, जिससे श्रद्धालु संगम स्थल पर जाकर स्नान कर सकेंगे। महाकुंभ के दौरान अत्यधिक भीड़ होने के कारण पार्किंग की व्यवस्था सीमित थी, लेकिन अब यात्री अपने निजी वाहनों से संगम घाट स्थित पार्किंग तक जा सकेंगे।
प्रयागराज: एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल-
अधिकारियों के अनुसार, काशी और अयोध्या की तरह प्रयागराज भी एक बड़े धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। अब श्रद्धालु और पर्यटक सालभर संगम क्षेत्र में आते रहेंगे। इसके चलते प्रयागराज को काशी और अयोध्या के साथ पर्यटन पैकेज में भी जोड़ा जाएगा।
मेला अवधि बढ़ाने में आ रही हैं अड़चनें-
मेला अवधि बढ़ाने को लेकर प्रशासनिक और कानूनी बाधाएं हैं। महाकुंभ एवं कुंभ मेले की अवधि पहले से निश्चित होती है, जो पौष पूर्णिमा या मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलती है। इसके बाद इसकी अवधि बढ़ाने के लिए नए सिरे से सेना और अन्य संबंधित विभागों से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को भी पहले ही यह सूचना दी जा चुकी है कि महाशिवरात्रि के 15 दिन बाद तक सभी अस्थायी बसावट हटा ली जाएंगी।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा, "मेला अवधि में किसी तरह का विस्तार नहीं किया जाएगा। पंडाल, टेंट और जेटी जैसी अस्थायी व्यवस्थाएं निर्धारित समय के बाद हटा दी जाएंगी, लेकिन संगम क्षेत्र में जो स्थायी सुविधाएं हैं, वे बनी रहेंगी। इस बार महाकुंभ के बाद भी बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना है, इसलिए जरूरत के अनुसार सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा।"
महाशिवरात्रि के बाद संगम क्षेत्र में स्नान, सुरक्षा और अन्य मूलभूत सुविधाएं बरकरार रहेंगी। हालांकि, महाकुंभ की समाप्ति के बाद विशेष आकर्षण जैसे प्रदर्शनी, पंडाल और अस्थायी जेटी हटा दिए जाएंगे। श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन आवश्यक व्यवस्थाओं को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे प्रयागराज वर्षभर एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बना रहेगा।