- NDA सांसदों द्वारा प्रस्तावित 14 बदलावों को समिति ने स्वीकार कर लिया, जबकि विपक्ष द्वारा सुझाए गए संशोधनों को बहुमत न मिलने के कारण खारिज कर दिया गया
- 27 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में हुई JPC की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक के अंतिम ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने बहुमत से मंजूरी दे दी है। NDA सांसदों द्वारा प्रस्तावित 14 बदलावों को समिति ने स्वीकार कर लिया, जबकि विपक्ष द्वारा सुझाए गए संशोधनों को बहुमत न मिलने के कारण खारिज कर दिया गया। अब इस विधेयक को संसद के आगामी बजट सत्र (31 जनवरी – 13 फरवरी, 2025) में पेश किया जा सकता है।
JPC की बैठक में हुआ बड़ा निर्णय -
27 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में हुई JPC की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक के अंतिम ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई। समिति में शामिल NDA के 16 सांसदों ने इस विधेयक में 14 संशोधन प्रस्तावित किए थे, जिन्हें बैठक में स्वीकार कर लिया गया।
वहीं, विपक्ष के 10 सांसदों ने 44 खंडों में सैकड़ों बदलाव के प्रस्ताव रखे थे, लेकिन उन्हें मतदान में बहुमत नहीं मिला। वोटिंग के दौरान 16:10 के अनुपात में NDA का पक्ष मजबूत रहा और विपक्ष के संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
क्या हैं अहम बदलाव?
NDA सांसदों द्वारा किए गए संशोधन वक्फ ट्रिब्यूनल की संरचना और सरकारी अधिकारियों के वक्फ संपत्तियों से जुड़े अधिकारों से संबंधित थे। हालांकि, विस्तृत प्रावधान संसद में पेश होने से पहले सार्वजनिक किए जाएंगे।
विपक्ष का विरोध और हंगामा -
बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों ने विधेयक का जमकर विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने पूरी प्रक्रिया को "पूर्व-निर्धारित" बताते हुए इसे अलोकतांत्रिक करार दिया। उनका आरोप था कि सरकार की मर्जी से ही बिल पास किया गया और विपक्ष को उचित तरीके से अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला।
पहले की बैठकों में भी इस विधेयक को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। एक बैठक के दौरान कल्याण बनर्जी ने गुस्से में ग्लास फेंक दिया था, जिससे उनके हाथ में चोट भी लग गई थी।
बजट सत्र में पेश होगा विधेयक -
JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह लोकतांत्रिक बताया और कहा कि सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका मिला था। उन्होंने कहा, "इससे अधिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया कुछ और नहीं हो सकती।"
अब यह विधेयक 31 जनवरी से 13 फरवरी 2025 तक चलने वाले बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। इसके मसौदे को सार्वजनिक भी किया जाएगा ताकि जनता को विधेयक की विस्तृत जानकारी मिल सके।
क्या होगा आगे?
वक्फ संशोधन विधेयक के संसद में पेश होने के बाद इस पर बहस होगी। यदि इसे दोनों सदनों से मंजूरी मिल जाती है, तो यह कानून का रूप ले लेगा। विपक्ष के विरोध और NDA की स्पष्ट बहुमत के चलते यह मुद्दा संसद में बड़ा राजनीतिक विवाद भी बन सकता है।