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प्रयागराज महाकुम्भ 2025 – अफवाह व भ्रामक खबरे फैलाने वाले 53 सोशल मीडिया अकाउंट पर एफआईआर

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प्रयागराज/लखनऊ। 

- उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पर 24X7 पैनी नजर रख रही है

- इसी क्रम में पुलिस ने अब तक 53 ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ विधिक कार्रवाई की है, जो फर्जी और भ्रामक पोस्ट कर अफवाह फैलाने का काम कर रहे थे।

सनातन संस्कृति के अनंत प्रवाह ‘प्रयागराज महाकुम्भ 2025’ की पूरे विश्व में सराहना हो रही है, लेकिन कुछ ऐसे तत्व भी है जो सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक खबरें और फर्जी वीडियो पोस्ट कर आयोजन को बदनाम करने में लगे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पर 24X7 पैनी नजर रख रही है। इसी क्रम में पुलिस ने अब तक 53 ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ विधिक कार्रवाई की है, जो फर्जी और भ्रामक पोस्ट कर अफवाह फैलाने का काम कर रहे थे।

13 फरवरी 2025 को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान दो वीडियो को पुलिस ने विशेष संज्ञान में लिया, जिन्हें महाकुम्भ से जोड़कर भ्रामक रूप से प्रस्तुत किया गया था। इनमें ‘मिस्र के अग्निकांड को महाकुम्भ की आग’ बताते हुए पोस्ट किया गया था। यह वीडियो मिस्र में वर्ष 2020 में हुई तेल पाइपलाइन दुर्घटना का था, जिसे यह कहकर प्रसारित किया गया कि “महाकुम्भ बस स्टैंड में आग लगी, 40-50 गाड़ियां जलकर राख हो गईं।” इस अफवाह को फैलाने वाले सात सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ कोतवाली कुम्भ मेला में मुकदमा दर्ज कर किया गया है।

दूसरे वीडियो में पटना की घटना को महाकुम्भ से जोड़ा गया। यह वीडियो बिहार में एक फिल्म प्रमोशन इवेंट के दौरान हुई अव्यवस्था का था, जिसे महाकुम्भ से जोड़कर अफवाह फैलाई गई कि “कुम्भ में राष्ट्रवादी लोगों ने आर्मी जवानों पर चप्पलें फेंकी।” पोस्ट के लिए 15 सोशल मीडिया अकाउंट को चिह्नित कर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की गई है।

विगत एक माह में महाकुम्भ मेले को बदनाम करने वाले विभिन्न प्रकार के भ्रामक पोस्ट और वीडियो वायरल किए गए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर महाकुम्भ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर पेट्रोलिंग की व्यापक रणनीति तैयार की है। इसके अंतर्गत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की सतत निगरानी की जा रही है। साथ ही भ्रामक पोस्ट की त्वरित पहचान करके उसका खंडन करना, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने जनता से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि करें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि महाकुम्भ मेले की पवित्रता बनी रहे।