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जय सुभाष कार्यक्रम में दिखा दो हजार से अधिक स्वयंसेवकों का उत्साह

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक का महाविद्यालयीन छात्र शिविर ‘जय सुभाष’ का आयोजन अलीगढ़ के रामघाट रोड स्थित कलश फार्म हाउस में हुआ, जिसमें लगभग 2000 गणवेशधारी छात्र स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। 2000 युवा गणवेशधारी स्वयंसेवक प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक पूर्ण अनुशासन में दिनचर्या का पालन किया। अपने अनुशासन के लिए जाना जाने वाला संघ के इस शिविर में पूर्ण प्रत्यक्ष दिखाई दिया। खुले मैदान में स्वयंसेवकों ने चार प्रकार के योग अभ्यास का प्रदर्शन किया। घोष की वादन रचनाओं का प्रदर्शन किया गया।

शिविर में उपस्थित स्वयंसेवकों व गणमान्य नागरिकों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कृपाशंकर वरिष्ठ प्रचार प्रमुख उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड ने बताया कि समर्थ गुरु रामदास जी की पुण्यतिथि है, उठो जागो और ध्येय प्राप्त कर लेने तक मत रुको, ऐसा स्वामी विवेकानंद जी ने कहा। युवा राष्ट्र की प्रगति तय करते हैं, जब आत्म निर्भर भारत की चर्चा करते हैं तो कोविड के समय प्रेरणा देते हुए आदि शंकराचार्य, चन्द्रगुप्त मौर्य, पृथ्वीराज चैहान, महाराणा प्रताप, गुरु गोविन्द सिंह व उनके बच्चों का उदाहरण दिया। बलिदान होने वाले अधिकतर युवा ही थे।

मुख्य वक्ता ने डाॅ. हेडगेवारजी की वेदना की चर्चा करते हुए बताया कि वह विघटन तथा राष्ट्र के खण्डित होने पर उनकी वेदना से उपजे विचार ने ही संघ स्थापना की प्रेरणा दी। उन्होंने संघ के कृषिक विकास पर भी विस्तृत प्रकाश डाला और 100 वर्ष होने तक प्रत्येक ग्राम तक संघ पहुंचेगा। उन्होंने भाऊराव देवरस, दीनदयाल उपाध्याय जी के त्याग संघर्ष का भी वर्णन किया। युवाओं को देश के लिए बलिदान होने व त्याग के लिए भी तत्पर रहने का आहवान किया और संघ पर लगे प्रतिबंधों का अपने अनुभव कथन किए।

विभाग प्रचारक गोविंद जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि युवा वह है, जो राष्ट्र समाज के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दे, जिस ओर नौजवान चलता है, उस ओर जमाना चलता है, जो धारा को बदलने का संकल्प लेकर चलता है, वह युवा है। उन्होंने नेताजी का उल्लेख करते हुए बताया कि नेताजी ने ‘माई कन्ट्री माई इण्डिया’ नारा दिया, देश के निर्माण में अग्रणी भूमिका युवा ही निभाता है, जिसकी संवेदना अपनी मातृभूमि के साथ जुड़ी हो, जो राष्ट्रहित में जिऐंगे और मरेंगे की सोच रखने वाला ही युवा है। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर धन कमा सकते थे लेकिन उन्होंने अपना घर-परिवार त्याग कर अमेरिका के शिकागो में जाकर भारत माँ का मान बढ़ाया। युवा एक बार करवट बदले तो वह जमाना बदल देगा। विभाग कार्यवाह योगेश आर्य ने मंचासीन बंधुओं का परिचय कराया, जिसमें मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्रचार प्रमुख कृपाशंकर जी, विभाग संघ चालक राजकुमार सिंह जी, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रशांत सिंघल उद्योगपति, महाराज योगी नवल गिरी जी महाराज महामण्डलेश्वर जूना अखाड़ा वृन्दावन का आशीर्वाद रहा। वहीं शिविर में लगे स्टाॅल में महापुरुषों की पुस्तकें खरीदने में काफी युवाओं का उत्साह दिखा।

कार्यक्रम में सह विभाग संघचालक ललित कुमार, ग्राम्य विकास प्रमुख जितेंद्र कुमार, सेवा प्रमुख मनवीर सिंह, विभाग प्रचार प्रमुख इंद्रहास चैहान, महानगर संघ चालक अजय सर्राफ, महानगर कार्यवाह रतन कुमार मित्र, महानगर प्रचार प्रमुख विक्रांत जी, खैर जिला प्रचारक कुश चाहर जी, अतरौली जिला प्रचारक दुष्यंत जी, हाथरस जिला प्रचारक मुनेंद्र जी, सोशल मीडिया प्रमुख निधीशकान्त भट्ट, देवेंद्र पाल सिंह, शिवा शर्मा आदि उपस्थित रहे।