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सनातन धर्म के लिए की पैदल यात्रा, 9 महीने में किए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

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अमरोहा, यूपी

- नरदीप नागर ने  9 महीनों में  18,000 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की है। यह ऐतिहासिक यात्रा में  नरदीप ने12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम और अनेक तीर्थ स्थलों को "श्रद्धा पूर्वक" नमन किया। वही यात्रा पर गए नरदीप नागर के वापस से हसनपुर पहुंचने पर उनका स्वागत हुआ। नरदीप का फूल मालाओं, ढोल नगाड़ों  के साथ  स्वागत किया गया ।

अमरोहा के हसनपुर के मटीपुरा गांव के निवासी नरदीप नागर ने संकल्प और श्रद्धा का एक ताजा उदाहरण पेश किया है... नरदीप ने सनातन धर्म के प्रचार और भारतीय संस्कृति को जागरूक करने के उद्देश्य से 18,000 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की है। यह ऐतिहासिक यात्रा उन्होंने केवल  9 महीनों में पूरी की, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम और अनेक तीर्थ स्थलों को "श्रद्धा पूर्वक" नमन किया । जानकारी के मुताबिक नरदीप ने अपनी यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से 16 जुलाई 2024 को की थी..फिर हरिद्वार से जल भरकर नरदीप ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा की। इसके बाद उन्होंने सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए।


9 महीने में किए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

नरदीप नागर की यह यात्रा मध्य प्रदेश के ओमकालेश्वर-महाकालेश्वर से होती हुई गुजरात के सोमनाथ-नागेश्वर और द्वारका पहुंची... फिर नरदीप ने यात्रा को आगे बढ़ाते हुए महाराष्ट्र के भीमाशंकर, त्रयंबकेश्वर और घृष्णेश्वर के दर्शन किए। और फिर तमिलनाडु के रामेश्वरम और धनुषकोडी तक गए और दर्शन किए।


भक्ति-भाव से आगे बढ़ते गए नरदीप नागर

भक्ति भाव, आवेग, उत्साह और जोश से आगे बढ़ते हुए नरदीप नागर आंध्र प्रदेश पहुंचे और तिरुपति बालाजी और मल्लिकार्जुन श्रीशैलम के दर्शन किए। फिर उड़ीसा के जगन्नाथपुरी होते हुए, भक्त नरदीप ने झारखंड में बाबा बैद्यनाथ और नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन किए और  अंत में कठोर परिश्रम, संयम और अटूट आस्था के साथ नरदीप काशी विश्वनाथ और अयोध्या होते हुए हरिद्वार से वापस घर लौटे।

घर वापसी पर हुआ भव्य स्वागत

सनातन धर्म के प्रचार के लिए यात्रा पर गए नरदीप नागर के वापस से हसनपुर पहुंचने पर उनका स्वागत हुआ। नरदीप का फूल मालाओं, ढोल नगाड़ों  के साथ भव्य स्वागत किया गया, वही स्वागत समारोह में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अशोक नागर, यशपाल सिंह, अरुण कपासिया, चमन कसाना, रामचंद्र गुर्जर, मनोज गुर्जर, मास्टर अशोक कुमार, नीटू नागर और शिवम कुमार समेत कई लोग मौजूद थे। बता दें नरदीप की यह यात्रा न केवल भक्ति से भरी थी, बल्कि इसमें कठोर परिश्रम, संयम और अटूट आस्था की झलक भी देखने को मिली हैं..जो आज के युवाओ को प्रेरित करने वाली है।