श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर देशभर से प्रमुख हस्तियां जुटेंगी. कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. सभी परम्पराओं के साधु-सन्तों के साथ ही समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों सक्रिय व देश का सम्मान बढ़ाने वाले प्रमुख लोगों को भी आमंत्रित किया गया है.
प्रयास है कि सभी परम्पराओं के सन्त आएं. स्वामी नारायण, आर्ट ऑफ लिविंग, गायत्री परिवार, मीडिया हाउस, खेल, किसान, कला जगत के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है. हुतात्माओं के परिजन, लेखक, साहित्यकार, कवि, उद्योगजगत, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है.
आमंत्रित बंधुओं की विभिन्न श्रेणियाँ –
- हुतात्मा कारसेवकों के परिवार के सदस्य
- आंदोलन के पुरोधाओं के परिवार के सदस्य
- न्यायिक प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का समूह
- 150 से अधिक परंपराओं के साधु संत, कथाकार, मठ-मंदिरों के ट्रस्टी, पुजारी आदि
- नेपाल से संत समाज के प्रमुख लोग
- जैन, बौद्ध, सिक्ख समाज के बंधु (भारतीय मत पंथों के प्रतिनिधि)
- प्रमुख दानकर्ता
- जनजाति समाज के प्रमुख लोग
- घुमंतू जाति तथा अन्य जनजाति के लोग
- अनुसूचित समाज के प्रमुख लोग (उदाहरण के लिए आंबेडकर जी, जगजीवन राम जी, कांशीराम जी के परिवार के सदस्य)
- प्रसिद्ध समाचार पत्रों/न्यूज़ चैनलों के प्रमुख व्यक्ति
- स्वयंसेवी संगठन, नोबल पुरस्कार, भारत रत्न, परमवीर चक्र, पद्म सम्मान, इत्यदि से सम्मानित बंधु- भगिनी
- सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय (तीन) तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष, पूर्व राजदूत, विभिन्न प्रमुख पदों पर रहे प्रशासनिक/पुलिस सेवा के अधिकारी
- प्रमुख शिक्षाविद्, बुद्धिजीवी, कवि, कलाकार, साहित्यकार, किसान, मज़दूर, खिलाड़ी इत्यादि.
- प्रमुख राजनैतिक दलों के अध्यक्ष
- अयोध्या जनपद से सभी दलों के स्थानीय जनप्रतिनिधि
- उद्योजक, उद्योगपति एवं उद्यमी
- इसके अतिरिक्त पचास देशों से भारतीय समाज के 55 लोग
- स्थानीय राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को छोड़ कर अन्य निमंत्रित नहीं हैं.
- केंद्र अथवा किसी प्रदेश के मंत्री को मंत्री होने के नाते नहीं बुलाया गया है. कुछ सीमित महानुभाव अपने अन्य परिचय की दृष्टि से आमंत्रित हैं. (जैसे उद्योजक अथवा कलाकार इत्यादि के नाते)