- गंगा किनारे चलने वाली सभी 356 टेनरियों को बंद करा दिया गया है। किसी में भी गीला काम नहीं होने दिया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए टीमों का गठन भी किया गया है।
- गीला काम होते पाए जाने पर टेनरी को सील कर दिया जाएगा। वहीं गंगा में पानी की कमी न हो, इसके लिए टिहरी डैम से रोजाना 2 हजार क्यूसेक पानी ज्यादा छोड़ा जा रहा है।
प्रयागराज। महाकुंभ को भव्य और दिव्य के साथ उसकी पवित्रता का बनाए रखने के लिए संगम के जल का शुद्ध करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए कानपुर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गंगा किनारे चलने वाली सभी 356 टेनरियों को बंद करा दिया गया है। किसी में भी गीला काम नहीं होने दिया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए टीमों का गठन भी किया गया है। जहां भी दोषी पकड़े जाएंगे उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
गीला काम होते पाए जाने पर टेनरी को सील कर दिया जाएगा। वहीं गंगा में पानी की कमी न हो, इसके लिए टिहरी डैम से रोजाना 2 हजार क्यूसेक पानी ज्यादा छोड़ा जा रहा है। प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन से पहले टेन्योर के संचालन न होने को लेकर टेनिस संचालकों ने कहा है कि उन्हें किसी तरीके की परेशानी नहीं है।
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के पूर्व अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन ने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ को देखते हुए टेनरी संचालकों ने अपने कारोबार की भी प्लानिंग पहले ही कर ली थी। उन्होंने जो भी ऑर्डर लिए थे या जो भी माल विदेशों में भेजा जाना था उसके लिए सारी योजना बना ली है।
निगरानी के लिए टीमों का गठन साथ ही, इस पर नजर रखने के लिए टीम का भी गठन किया गया है। महाकुंभ के दौरान उद्योग शुष्क प्रक्रिया को छोड़कर उद्योगों में उत्पादन प्रक्रिया बंद कराने का निर्देश उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आरओ अमित मिश्रा ने बताया कि रोस्टर जारी किया गया है।
5-5 सदस्यीय टीमें उद्योगों पर रखेंगी नजर जाजमऊ स्थित टेनरी की जांच के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम से लेकर षष्ठम तक के नेतृत्व में 5-5 सदस्यीय टीम उद्योगों पर नजर रखेगी।
इसी प्रकार दादानगर, फजलगंज और पनकी में उद्योगों की जांच की जिम्मेदारी अपर नगर मजिस्ट्रेट सप्तम, रूमा के उद्योगों पर निगरानी उप जिलाधिकारी नरवल के नेतृत्व में टीम करेंगी। टीमों ने निरीक्षण भी किया, लेकिन एक भी टेनरी संचालित नहीं मिली।
उत्पादन किया गया बंद कानपुर नगर, उन्नाव, कानपुर देहात और हरदोई के उद्योगों से गंगा में गिरने वाला पानी प्रयागराज तक तीन दिन में पहुंच जाता है। इन शहरों के उद्योगों को स्नान की तारीख से चार दिन पहले तक उत्पादन बंद रखने की सख्त हिदायत दी गई है।
रोजाना छोड़ा जा रहा 2 हजार क्यूसेक पानी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के मुताबिक महाकुंभ के मद्देनजर उत्तराखंड के टिहरी डैम से 15 दिसंबर से 26 फरवरी 2025 तक रोजाना 2 हजार क्यूसेक पानी गंगा की डाउनस्ट्रीम में प्रवाहित किया जाएगा।
नरौरा बैराज से 24 दिसंबर से लगातार 5 हजार क्यूसेक पानी कानपुर की तरफ भेजा जाएगा। नरौरा से संगम तक पानी पहुंचने में 10 दिन का समय लगता है।