प्रयागराज। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर महाकुंभ स्नान का सौभाग्य प्राप्त किया। विधि-विधान से मां गंगा की आरती करते हुए उन्होंने राष्ट्र की मंगलकामना की। इस दौरान उनके साथ राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, औद्योगिक प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
राजनाथ सिंह ने संगम स्नान के बाद कहा, "महाकुंभ भारतीयता का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महापर्व है। इसे किसी पंथ, समुदाय या धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यदि कोई भारत और भारतीयता को समझना चाहता है, तो उसे महाकुंभ आना चाहिए। यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव महासमागम है, जिसमें देश-विदेश के लोग भाग लेते हैं।"
संगम स्नान और दर्शन -
रक्षा मंत्री बमरौली हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा डीपीएस ग्राउंड नैनी पहुंचे। वहां से अरैल घाट के माध्यम से जलमार्ग से संगम तट पर पहुंचे। उन्होंने त्रिवेणी संगम में स्नान कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां गंगा का पूजन किया। संगम स्नान के बाद उन्होंने अक्षयवट, पातालपुरी मंदिर, सरस्वती कूप और बड़े हनुमान जी का दर्शन एवं पूजन किया।
सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा -
महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देते हुए राजनाथ सिंह ने सेना के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने आतंकी हमलों की धमकी और बम मिलने की अफवाहों को लेकर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी तैयारियां मजबूत और चाक-चौबंद हैं।
महाकुंभ: भारतीयता का प्रतीक
राजनाथ सिंह ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "यह आयोजन भारतीयता को दर्शाने वाला एक ऐसा मंच है, जहां समस्त मानवता एकत्र होती है। यह आयोजन हमें हमारी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ता है।"
संतों से मुलाकात -
संगम स्नान के बाद रक्षा मंत्री ने साधु-संतों से मुलाकात की और महाकुंभ की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
राजनाथ सिंह का संदेश -
रक्षा मंत्री ने कहा, "महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह भारतीय संस्कृति, एकता और समर्पण का पर्व है। यह पूरे विश्व को भारतीयता का संदेश देता है।"
रक्षा मंत्री के इस दौरे ने महाकुंभ की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन की सक्रियता को और अधिक मजबूती दी है।