अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य 70% पूरा हो चुका है। राम मंदिर ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि अक्तूबर 2024 तक निर्माण पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। निर्माण का पूरा काम अप्रैल 2024 तक पूरा होने का लक्ष्य है, जबकि परिसर के अन्य कार्य अक्तूबर 2024 तक पूरे किए जाएंगे।
निर्माण की स्थिति -
मंदिर के भूतल और प्रथम तल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। द्वितीय तल और शिखर: द्वितीय तल का 80% काम पूरा है, और शिखर निर्माण में अब तक 18 परतें डाली जा चुकी हैं। मार्च 2024 तक शिखर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। राममंदिर के परकोटे का निर्माण 55% पूरा हो चुका है। परकोटा निर्माण को सबसे चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है और इसमें मंदिर से अधिक पत्थरों का उपयोग हो रहा है। सप्तमंडपम: सप्तमंडपम में सात ऋषियों के मंदिर बनाए जा रहे हैं। इनमें से तीन मंदिरों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, जबकि शेष चार का 60% कार्य पूरा हुआ है।
इस मंदिर के निर्माण का 30% काम पूरा हो चुका है। फरवरी 2020 से अक्तूबर 2024 तक 1197 करोड़ रुपये मंदिर निर्माण पर खर्च किए गए हैं। इस अवधि में 328.45 करोड़ रुपये जमीन खरीदने में खर्च हुए। इस अवधि में मंदिर निर्माण पर 179.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 65.15 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी गई। मंदिर और अन्य प्रकल्पों के निर्माण पर 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
यह सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसमें मंदिर से अधिक पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है। इनका निर्माण कार्य तेजी से जारी है। अप्रैल 2024 तक मुख्य मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। अक्तूबर 2024 तक: परकोटा, सप्तमंडपम और अन्य मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
राम मंदिर निर्माण भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। इसका निर्माण कार्य न केवल अयोध्या बल्कि पूरे देश और विश्व के हिंदुओं के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। निर्माण के दौरान आधुनिक तकनीक और पारंपरिक वास्तुकला का संयोजन किया जा रहा है।