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"मुझे गर्व है कि पाकिस्तान में रहकर हिंदुओं ने बचाया अपना धर्म" - साध्वी ऋतंभरा ने विस्थापित परिवारों को दिए 25 पक्के घर

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वृंदावन/दिल्ली

वृंदावन के वात्सल्य ग्राम की संस्थापिका और प्रख्यात समाजसेवी साध्वी ऋतंभरा ने एक बार फिर अपने सेवा कार्यों से मानवता और धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध किया है। उन्होंने पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए हिंदू परिवारों के लिए दिल्ली के बजीराबाद सिग्नेचर ब्रिज क्षेत्र में 25 पक्के घर बनवाए हैं। इन घरों में बिजली, पानी, शौचालय जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

धर्म रक्षा को बताया गर्व का विषय

इन परिवारों की मदद करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने भावुक शब्दों में कहा, “मुझे गर्व है कि पाकिस्तान में रहते हुए भी इन लोगों ने अपने धर्म की रक्षा की। अपार यातनाओं और कठिन परिस्थितियों के बावजूद इन्होंने अपनी आस्था नहीं छोड़ी। यह हम सबके लिए प्रेरणा है।

रोजगार और शिक्षा का भी किया प्रबंध

केवल घर ही नहीं, साध्वी ऋतंभरा ने विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक समग्र योजना बनाई। उन्होंने कॉलोनी में 5000 लीटर के तीन पानी टैंक, तीन समरसेट पंप लगवाए। पुरुषों को आजीविका देने के लिए दस रेहड़ी-रिक्शा उपलब्ध कराए गए, वहीं महिलाओं के लिए सिलाई केंद्र और अन्य कुटीर उद्योगों की शुरुआत कराई गई ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

झुग्गी से जीवन की नई शुरुआत तक का सफर
साध्वी ने बताया कि पाकिस्तान में हिंदू परिवारों पर लगातार अत्याचार हो रहे थे, घरों को तोड़ा गया, मंदिरों को ध्वस्त किया गया, और महिलाओं की सुरक्षा भी खतरे में थी। कई परिवार यह सब सहते हुए आखिरकार भारत की ओर पलायन कर गए। दिल्ली पहुंचने पर ये परिवार सिग्नेचर ब्रिज के नीचे झुग्गियों में रहने को मजबूर थे, जहां न पानी था, न सुरक्षा, और हर वक्त सांप-बिच्छुओं का डर बना रहता था।जब उन्होंने इन्हें देखा तो तत्काल मदद का संकल्प लिया और रहने, पीने के पानी, बच्चों की शिक्षा और रोजगार तक की जिम्मेदारी उठाई।

साध्वी ऋतंभरा दीदी का यह प्रयास केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि एक संदेश है...धर्म, आत्म-सम्मान और मानवता के लिए उठाया गया एक प्रेरणास्पद कदम।