पालनपुर (गुजरात), 21 फरवरी 2025।
-2047 के विकसित भारत के निर्माण में कृषि व किसान की महत्वपूर्ण भूमिका होगी
- उन्होंने कहा कि 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये भारतीय किसान संघ जैसे राष्ट्र हित की सोच के साथ किसान हित को सर्वोपरि रखने वाले संगठनों के योगदान की आवश्यकता है।
भारतीय किसान संघ के तीन दिवसीय 14वें अखिल भारतीय अधिवेशन का पालनपुर स्थित सरदार कृषिनगर दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में शुभारंभ हुआ। अखिल भारतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि गौ, कृषि व किसान के विकास से ही देश की अर्थव्यवस्था समृद्व होगी। कृषि व किसान को समृद्धशाली बनाकर ही 2047 के विकसित भारत की संकल्पना को पूर्ण करते हुए अपेक्षित लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। देश में गौ आधारित कृषि हितैशी टेक्नालाजी के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया। सुमन बेरी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों की आर्थिक संपन्नता में वृद्वि करने के लिये सतत प्रयासरत हैं। उनका मानना है कि विकसित राष्ट्र बनाने के लिये हमें विकसित समाज की आवश्यकता है। जिसके लिये कृषि व किसान के विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। कृषि व किसान की समृद्वि से ही ग्राम समृद्ध बनेगा और जब ग्राम समृद्ध होगा तो देश की समृद्धि व खुशहाली बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये भारतीय किसान संघ जैसे राष्ट्र हित की सोच के साथ किसान हित को सर्वोपरि रखने वाले संगठनों के योगदान की आवश्यकता है। जिससे कृषि, किसान, गांव व देश समृद्ध व विकसित बन सकेगा।
इससे पूर्व अधिवेशन परिसर में किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र के साथ गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके बाद भारतीय किसान संघ के ध्वज का ध्वजारोहण, गौ माता पूजन, भारत माता व भगवान बलराम के चित्र पर मार्ल्यापण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ अखिल भारतीय अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में सरदार कृषिनगर दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.एम. चौहान ने विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न अनुसंधान केंद्रों, उनकी उपलब्धियों और किसानों के लिए उपयोगी कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अरंडी, कपास, गेहूं, आलू, मोटे अनाज, खजूर और मसाला फसलों पर विशेष अनुसंधान कर किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया है। आज भारत में उत्पादित कुल 81 प्रतिशत अरंडी गुजरात में होती है, जिससे देश को 7000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र
सरदार कृषिनगर दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली, मोटे अनाज, दलहन, तिलहन, खजूर, आलू, खाद्य प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न अनुसंधान केंद्रों के स्टॉल लगाए गए हैं। किसानों को गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जानकारी भी प्रदान की गई।
मंच पर सरदार कृषिनगर दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रवीन्द्र चौहान, आणद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के बी कथिरिया, जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति वी पी चोवटिया, कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति एन एच केलावाला, अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, उपाध्यक्ष राम भरोस वासोतिया, टी पेरूमल, भैया राम मौर्य उपस्थित रहे।