किसान ने गाय की तेरहवीं मनाकर पेश की अनोखी मिसाल
- गाय की मृत्यु के बाद सतेंद्र लाटियान और उनके परिवार ने उसे पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार दिया। ब्राह्मणों को बुलाकर पूजा-अर्चना कराई गई और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार सम्पन्न किया गया।
- मंगलवार को गाय की तेरहवीं के अवसर पर सतेंद्र लाटियान ने गांव के गणमान्य लोगों, ग्रामीणों और ब्राह्मणों को भोज पर आमंत्रित किया। इस मौके पर ब्राह्मणों को वस्त्र दान किए गए और हवन-यज्ञ भी कराया गया। इस आयोजन में क्षेत्र के अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ क्षेत्र के गांव सालारपुर में एक अनूठा और प्रेरणादायी दृश्य देखने को मिला, जब किसान सतेंद्र लाटियान ने अपनी पालतू गाय 'भोली' की मृत्यु के बाद विधिपूर्वक तेरहवीं भोज का आयोजन किया। सतेंद्र लाटियान ने लगभग 25 वर्षों तक इस गाय की सेवा की थी। परिवार के सदस्य भोली को एक परिवार के सदस्य की तरह मानते थे। 26 मार्च को भोली की अचानक मृत्यु हो गई, जिससे पूरे परिवार को गहरा दुख हुआ।
गाय का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार
गाय की मृत्यु के बाद सतेंद्र लाटियान और उनके परिवार ने उसे पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार दिया। ब्राह्मणों को बुलाकर पूजा-अर्चना कराई गई और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार सम्पन्न किया गया।
तेरहवीं भोज और सामाजिक संदेश
मंगलवार को गाय की तेरहवीं के अवसर पर सतेंद्र लाटियान ने गांव के गणमान्य लोगों, ग्रामीणों और ब्राह्मणों को भोज पर आमंत्रित किया। इस मौके पर ब्राह्मणों को वस्त्र दान किए गए और हवन-यज्ञ भी कराया गया। इस आयोजन में क्षेत्र के अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
समाज को दिया संदेश
सतेंद्र लाटियान का कहना था कि इस आयोजन का उद्देश्य लोगों में पालतू पशुओं के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि आजकल कई लोग गाय के बूढ़े होने पर उसे सड़क पर छोड़ देते हैं, लेकिन पशु भी परिवार का हिस्सा होते हैं, उन्हें भी वही सम्मान मिलना चाहिए जो परिवार के अन्य सदस्यों को मिलता है।
गांव में चर्चा का विषय
गाय की तेरहवीं का यह आयोजन पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। ग्रामीणों ने सतेंद्र लाटियान की इस पहल की सराहना की और इसे पशु प्रेम की मिसाल बताया।
गाय की सेवा और सम्मान का जो उदाहरण सतेंद्र लाटियान ने पेश किया है, वह समाज के लिए प्रेरणादायक है।
किसान सतेंद्र लाटियान द्वारा अपनी पालतू गाय की तेरहवीं मनाना न सिर्फ पशु प्रेम का उदाहरण है, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देता है कि पालतू पशु भी परिवार का अभिन्न हिस्सा होते हैं और उनका सम्मान भी उतना ही जरूरी है जितना किसी इंसान का।