- कई हिंदू संगठनों ने उनकी इस बात का किया समर्थन
प्रयागराज। सुमेरु पीठ के स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने आगामी 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को लेकर बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इस धार्मिक आयोजन में मुस्लिम समुदाय की उपस्थिति पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि महाकुंभ हिंदू धर्म का एक विशेष और पवित्र आयोजन है, जिसमें भारी संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु एकत्र होते हैं। ऐसे में गैर-हिंदू, विशेषकर मुस्लिम समुदाय की उपस्थिति से हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुँच सकती है।
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती का मानना है कि महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालु अपनी धार्मिक भावनाओं और परंपराओं के साथ वहाँ पहुँचते हैं, और ऐसे आयोजन में बाहरी धार्मिक समुदाय की उपस्थिति पवित्रता को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान एक विशेष धार्मिक वातावरण होता है, जिसमें सभी नियम और परंपराएँ हिंदू धर्म के अनुरूप होती हैं। इसलिए, गैर-हिंदू लोगों की उपस्थिति से इस वातावरण पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती की अपील-
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने राज्य और केंद्र सरकार से अपील की है कि महाकुंभ के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाए कि केवल हिंदू धर्मावलंबियों को ही आयोजन में प्रवेश की अनुमति दी जाए, ताकि धार्मिक भावनाओं और आयोजन की पवित्रता को बनाए रखा जा सके। उनका सुझाव है कि इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले सभी लोगों के प्रवेश की पृष्ठभूमि की जाँच हो और आयोजन स्थल की सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त किया जाए।
हिंदू धर्म के संगठनों का समर्थन-
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के इस बयान पर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई हिंदू संगठनों ने उनकी इस बात का समर्थन किया है। सरकार की ओर से अभी इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि महाकुंभ की सुरक्षा और आयोजन की योजना पर विचार करते समय सभी धार्मिक समुदायों के भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा।