बहराइच।
हिन्दुओं पर सामजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाने वाले लोगों को समझना चाहिए कि आखिर जिन क्षेत्रों में मुस्लिमों की संख्या अधिक होती है उन्हीं क्षेत्रों में दंगे क्यों होते हैं ? आखिर इस यक्ष प्रश्न के पीछे तर्क है। मदरसों की शिक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते हैं। लेकिन यह सच है, वहां बैठे जेहादी मानसिकता के लोग, बच्चों के दिमाग में हमारे देवी देवताओं और देशविरोधी गलत विचारों का प्रचार प्रसार करते हैं। वही बच्चे आगे चलकर हिन्दू त्योहारों में निकलने वाली शोभा यात्रा के दुश्मन बन जाते हैं और निर्दोश लोगों की हत्या करने में तनिक भी संकोच नहीं करते हैं। जबकि ये भूल जाते हैं। ये पावन भारत भूमि सभी धर्मों का सम्मान करती है। जहां एक तरफ मुस्लिमों के त्योहार मनाएं जाते हैं वहीं सिख. जैन, और ईसाई समुदाय के भी त्योहार शांति रूप से सम्पन्न होते हैं।
फिर सवाल उठता है। सनातन और स्वामी विवेकानंद की इस धरती में मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दुओं के क्यों दुश्मन बने हुए हैं ?
आज एक बार फिर से बहराइच दंगे की आग से झुलस रहा है। महराजगंज में 90 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय के लोगों की आबादी है। वहां हिन्दुओं की संख्या 10 प्रतिशत ही है। ये हम नहीं कह रहे हैं। आकड़े बताते हैं।
उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे बड़ा राज्य है, सांप्रदायिक तनाव और दंगों का गवाह रहा है। विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दंगों की कई घटनाएँ हुई हैं। यहाँ कुछ प्रमुख दंगों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है:
1. बिनौली दंगा (2013):
-स्थान: बिनौली, बुलंदशहर
-कारण: एक धार्मिक विवाद के चलते सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ।
-परिणाम: दंगे में कई लोग घायल हुए और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ।
2. कासगंज दंगा (2018):
- स्थान: कासगंज
- समय: जनवरी 2018
- कारण: तिरंगा यात्रा के दौरान विवाद के चलते सांप्रदायिक तनाव।
- परिणाम: दंगे में एक युवक की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए।
3. आगरा दंगा (2020):
- स्थान: आगरा
- समय: दिसंबर 2020
- कारण: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और NRC के विरोध के दौरान।
- परिणाम: दंगे में कुछ लोग घायल हुए और स्थानीय बाजारों में व्यापक नुकसान हुआ।
4. लखनऊ दंगा (2020):
- स्थान: लखनऊ
- समय: दिसंबर 2020
- कारण: CAA के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान।
- परिणाम: प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगाया और कई लोगों को गिरफ्तार किया।
5. कानपुर दंगा (2022):
- स्थान: कानपुर
- समय: जून 2022
- कारण: एक विवादित टिप्पणी के बाद बढ़ता सांप्रदायिक तनाव।
- परिणाम: दंगे में कई दुकानें और वाहन जले, और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगाया।
6. बहराइच दंगा (2023):
- स्थान: बहराइच
- समय: मई 2023
- कारण: स्थानीय विवाद के कारण सांप्रदायिक तनाव।
- परिणाम: कई लोग घायल हुए और प्रशासन ने कई लोगों को हिरासत में लिया।
7. अलीगढ़ दंगा (2020):
- स्थान: अलीगढ़
- समय: दिसंबर 2019 से फरवरी 2020
- कारण: CAA के विरोध में प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक तनाव।
-परिणाम: दंगे में कई लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए।
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम बहुल इलाकों में हुए दंगे सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक तनाव का परिणाम हैं। इन घटनाओं ने समाज में विभाजन और अविश्वास को बढ़ावा दिया है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को चाहिए कि वे इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सक्रिय उपाय करें, ताकि भविष्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखा जा सके।
आखिर कैसे हुई घटना ?
हिन्दू धर्म के लोग देवी प्रतिमा का विसर्जन का विसर्जन करने जा रहे थे। शोत्रा यात्रा जब मुस्लिम क्षेत्रों से निकली तो लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। साथ ही गोली चलाने की धमकी दी। इसी बीच हिन्दू समाज का युवक रामगोपाल मिश्रा ने एक मकान की छत में श्रीराम नाम का ध्वज लगा दिया। इसके विरोध में मौके पर मौजूद रिंकू उर्फ सरफराज घसीटकर अंदर ले गया। वहां मौके पर मौजूद सरफराज और अब्दुल हमीद, फहीम, साहिर खान, मारूफ अली के अलावा चार अज्ञात लोगों ने पहले रामगोपाल मिश्रा के पैर के अगूंठे जलाए इसके बाद प्लास से नाखून नोच लिए। इस दौरान उसको करीब 20 राउंड गोली मारी। और चाकू से हमला किया। शोभा यात्रा में शामिल लोग घर में जाकर रामगोपाल मिश्रा को लेकर आए। मौके पर खड़ी तहसीलदार से गाड़ी में अस्पताल ले जाने का आग्रह किया लेकिन तहसीलदार मौके से चले गए। लोग रामगोपाल को मोटरसाइकिल में बैठाकर अस्पताल ले गए जिसकी रास्ते में मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने मौके पर लाठी चार्ज कर दिया जिससे कई हिन्दू भाई घायल हो गई।