शिमला. मातृवंदना संस्थान द्वारा शिमला में आयोजित कार्यक्रम में मातृवंदना पत्रिका के श्रीराम जन्मभूमि विशेषांक का लोकार्पण एवं कारसेवकों का सम्मान किया गया. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की. उन्होंने मातृवन्दना पत्रिका के संग्रहणीय विशेषांक के विमोचन के साथ हिमाचल के 100 कारसेवकों को सम्मानित किया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज कुमार वर्मा, मातृवन्दना संस्थान के अध्यक्ष अजय सूद व अन्य विशेष रूप से उपस्थित रहे.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राम की मर्यादाएं सर्वोच्च आदर्श हैं, इसीलिए सदियों के उतार-चढ़ाव के बाद भी भगवान राम के प्रति भारत सहित विश्व की विभिन्न संस्कृतियों में उनके प्रति श्रद्धाभाव बना हुआ है. पांच सदियों तक चले आंदोलन के माध्यम से इस कलंक को मिटाने और प्राण प्रतिष्ठा के बाद राष्ट्र का अभ्युदय हुआ है. उन्होंने कहा कि मातृवंदना पत्रिका का देवभूमि हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक लोक संस्कृति, कला भाषा और साहित्य के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार प्रसार में विशिष्ट योगदान रहा है. इस तरह की पत्रिका का अलग महत्व होता है और इनके माध्यम से हम अपने गौरवशाली इतिहास, अतीत एवं संस्कृति के बारे में ज्ञान अर्जित करते हैं. मातृवन्दना पत्रिका पाठकों के लिए सम-सामयिक विषयों पर महत्वपूर्ण आलेख प्रकाशित कर रही है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि पत्रिका का यह विशेषांक श्री राम जन्मभूमि और भगवान श्री राम को समर्पित किया गया है.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रांत सदभावना प्रमुख जितेन्द्र जी ने कहा कि पुस्तकों और पत्र पत्रिकाओं तथा विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित साहित्य का विशिष्ट महत्व है. क्योंकि इनमें हमें अपने इतिहास, धर्म, दर्शन, संस्कृति, जनजीवन और परंपराओं का बोध होता है. पत्रिकाओं के माध्यम से हम सामाजिक विषयों पर जानकारी के साथ-साथ पढ़ने की आदत को भी बढ़ा पाने में समर्थ होते हैं. वर्तमान में इस तरह की पुस्तकों और पत्र पत्रिकाओं का नितांत अभाव है, जिन्हें ड्राइंग रूम में सबके सामने रखा जा सके और परिवार में हर आयु वर्ग का व्यक्ति उनको पढ़ सके. पत्रिकाओं में भी ऐसी पत्रिकाओं को महत्व दिया जाना चाहिए, जिनसे जीवन के निर्माण में तथा आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है. इस वर्ष श्रीराम जन्मभूमि पर एक आकर्षक और स्तरीय अंक प्रकाशित किया गया है. इसमें राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास, न्याय प्रक्रिया और प्राण प्रतिष्ठा तथा इस समग्र आंदोलन में हिमाचल प्रदेश के कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों तथा कारसेवकों को स्थान दिया गया है.
विशेषांक में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच सदियों के संघर्षपूर्ण इतिहास के आंदोलन पर प्रामाणिक सामग्री के साथ 1990-1992 की कारसेवा में हिमाचल प्रदेश के कारसेवकों के संघर्ष का वर्णन है. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि साईं इंजीनियरिंग के संस्थापक सदस्य राजकुमार वर्मा ने विशेषांक में प्रकाशित सामग्री का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि मातृवंदना का रामजन्म भूमि विशेषांक और वार्षिक कैलेंडर हमारी सांस्कृतिक विरासत का दर्पण है.
हिमाचल के 100 कारसेवक सम्मानित
मातृवंदना संस्थान द्वारा आयोजित विशेषांक विमोचन एवं कारसेवक सम्मान समारोह में 1990 और 1992 की कारसेवा में भाग लेने वाले 100 कारसेवकों को सम्मानित किया गया.