नई दिल्ली/मुंबई. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता की हत्या के मामले में मुख्य साजिशकर्ता को मुंबई हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया. आरोपी गौस नियाजी प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) का सदस्य है. उसने आरएसएस कार्यकर्ता आर. रुद्रेश की हत्या की साजिश रची थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार, रुद्रेश की हत्या के बाद गौस नियाजी वर्ष 2016 में फरार हो गया था. उसे तंजानिया के दार-ए-सलाम से आने के तुरंत बाद शुक्रवार को मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर लिया. कर्नाटक में पीएफआइ के चार सदस्यों ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर क्षेत्र के आरएसएस कार्यकर्ता रुद्रेश की 16 अक्तूबर, 2016 को हत्या कर दी थी.
जांच से पता चला कि नियाजी और असीम शेरिफ ने रुद्रेश की हत्या की साजिश रची. दोनों ने लोगों के बीच आतंक पैदा करने के इरादे से अन्य चार आरोपियों को रुद्रेश की हत्या करने के लिए राजी किया था. हत्यारों को बरगलाया गया कि आरएसएस के खिलाफ लड़ाई जिहाद है. नियाजी की गिरफ्तारी के साथ ही मामले के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अन्य आरोपियों के खिलाफ एनआईए स्पेशल कोर्ट, बेंगलुरु में मुकदमा चल रहा है.
भारत-विरोधी आतंकी साजिश से जुड़े मामले में फरार आरोपित गिरफ्तार
एनआईए ने भारत-विरोधी आतंकी साजिश से जुड़े निजामाबाद पीएफआइ मामले में एक फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है. इसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. एनआइए ने शनिवार को बताया कि पीएफआइ के तेलंगाना उत्तर क्षेत्र का सचिव रहा अब्दुल सलीम मामले में गिरफ्तार होने वाला 15वां आरोपी है. यह मामला जुलाई 2022 में निजामाबाद पुलिस थाने में दर्ज किया गया था. उसी साल अगस्त में एनआइए ने इसे अपने हाथ में लिया था.
पीएफआइ और उसके कैडर की साजिश 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की थी. मामला सामने आने के बाद से अब्दुल सलीम फरार था. एनआईए ने बाद में उस पर इनाम घोषित किया. खुफिया जानकारी के आधार पर सलीम को आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले से पकड़ा गया. जांच से पता चला है कि वह कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और मुस्लिम युवाओं को पीएफआइ में भर्ती करने में शामिल था.