उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अब केवल खेती ही नहीं, बल्कि पशुपालन, मछली पालन और वानिकी जैसे क्षेत्र भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं । जी हां, हाल ही में जारी जिला घरेलू उत्पाद अनुमान 2023-24 के अनुसार, प्रदेश का कुल सकल घरेलू उत्पाद 25.63 लाख करोड़ रुपये रहा । जबकि पशुधन क्षेत्र का योगदान 1.67 लाख करोड़ रुपये.. यानी कुल GSDP का 7.1 प्रतिशत रहा, जो यह दर्शाता है कि पशुपालन लोगों की आजीविका का मजबूत साधन बनता जा रहा है। वहीं वन क्षेत्र से 25,859 करोड़ रुपये और मछली पालन से 19,071 करोड़ रुपये का योगदान मिला है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी बढ़त को दिखाता है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और सहारनपुर जैसे जिले पशुधन क्षेत्र में सबसे आगे रहे हैं, जबकि महोबा, झांसी, अंबेडकरनगर, अयोध्या और ललितपुर जिलों में सकल मूल्यवर्धन में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। यह आँकड़े बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब आजीविका के साधन बढ़ रहे हैं और लोग खेती के साथ-साथ अन्य गतिविधियों की ओर भी बढ़ रहे हैं। यह बदलाव प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है और इन प्रयासों का प्रभाव साफ दिख रहा है कि अब लोग शहरों से वापस गांव की ओर रुख कर रहे हैं और वहीं रहकर अपने भविष्य को बेहतर बना रहे हैं।