गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
धोखे की दुकान, मजहबी नफरत का जहर... गाजियाबाद के कांवड़ मार्ग पर सामने आई ये घटना केवल शर्मनाक नहीं, अपितु हिन्दू आस्था के खिलाफ भयंकर षड्यंत्र है। दो मुस्लिम युवक — जिन्होंने हिंदू वेशभूषा पहन रखी थी — भोलेनाथ के व्रती भक्तों को जूस के नाम पर थूक पिलाते पाए गए। सावन में कांवड़ लेकर चलने वाले श्रद्धालु — जिनकी नीयत भक्ति से भरी होती है — उन्हें धोखे से अपवित्र करने का ये घिनौना काम किसी अकेली दुकान का मामला नहीं अपितु कट्टर इस्लामी मानसिकता की सुनियोजित घुसपैठ है। इनमें से एक युवक ने खुद का नाम ‘भारत’ बताया, कलावा बाँधा, ताकि कोई शक न करे। लेकिन उसके हाथ में पकड़ी गई जूस की बोतल में जो था — वह था नफरत, थूक और मजहबी घृणा का जहर। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार क्या यही ‘सहिष्णुता’ है? जब हिंदू समाज के लोग व्रत में होते हैं, शिव का ध्यान कर रहे होते हैं — उस समय ऐसे जहरीले मजहबी लोग अपने अंदर की नफरत को थूक बनाकर उनके शरीर में उतारते हैं। MLA नंदकिशोर गुर्जर ने जब इस मामले को उठाया तो कई और नाम सामने आए — कभी ‘अमन’, कभी ‘सुनील’, कभी ‘भारत’ नाम की पहचान ओढ़े कट्टरपंथी जिहादी— जिनका सबका मकसद मात्र एक: हिंदू बनकर हिंदू आस्था को चोट पहुंचाना। ये कोई इत्तेफाक नहीं, न तो मजाक था और न ही गलती — ये थूक जिहाद था। सुनियोजित, सोची-समझी, और हिन्दू-विरोधी घृणा से भरी हुई हरकत। जैसे ही मामला तूल पकड़ा, पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।