देहरादून, उत्तराखण्ड
देहरादून जिला प्रशासन ने समाज के सबसे कमजोर वर्ग के बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए एक सराहनीय पहल की है। बता दें साधुराम इंटर कॉलेज में बनाए गए आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर के माध्यम से ऐसे बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है, जिनका जीवन पहले सड़कों पर भटक रहा था।
जी हां रेस्क्यू किए गए 27 बच्चों का अलग-अलग स्कूलों में दाखिला कराया गया। इन बच्चों को स्टेशनरी और स्कूल यूनिफॉर्म भी दी गई। इनमें से 10 बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड में और 17 बच्चों का दाखिला साधुराम इंटर कॉलेज में कराया गया। इससे पहले ही 127 बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाया जा चुका है।जिला प्रशासन अब तक भिक्षावृत्ति, बालश्रम और कूड़ा बीनने में लगे 267 बच्चों को रेस्क्यू कर चुका है। इनमें से 154 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि समाज में कई परिवार किसी न किसी कारण से पीछे रह जाते हैं। ऐसे परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सबसे मजबूत हथियार है और हालात चाहे जैसे भी हों, बच्चों की पढ़ाई पूरी कराना जरूरी है। उन्होंने बताया कि अभी 154 बच्चे स्कूलों से जुड़ चुके हैं और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने दिसंबर 2024 से अब तक 83 बच्चों को भिक्षावृत्ति से, 117 बच्चों को कूड़ा बीनने से और 67 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया है। इन सभी बच्चों को साधुराम इंटर कॉलेज में बने इंटेंसिव केयर सेंटर में रखा गया, जहां उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा, खेल, संगीत, व्यायाम आदि की सुविधाएं दी जा रही है।



