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जूते के भीतर लगने वाला डिवाइस, जो बनेगा संजीवनी

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 ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

जूते के अंदर लगने वाला एक डिवाइस, जो आपके चलने का तरीका बदल दे! है न कमाल की तकनीक। ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज संस्थान के छात्रों ने ऐसी सी एक डिवाइस तैयार की है, जिसका नाम है, आर्थोसेंस। यह स्मार्ट डिवाइस पैरों के दबाव, चाल और संतुलन की रियल टाइम जानकारी देता है। दिव्यांगों के लिए सहारा की जरूरत हो या सर्जरी के बाद मरीजों के लिए रिकवरी की टेंशन या फिर खिलाड़ियों के लिए बेहतर परफॉर्मेंस की बात  छात्रों का दावा है कि हर समस्या का समाधान कर सकने में सक्षम है आर्थोसेंस। आर्थोसेंस को जूते के अंदर लगाया जाता है, और डेटा सीधे मोबाइल या कंप्यूटर तक पहुंचता है। डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट इसी डेटा से इलाज और ट्रेनिंग प्लान ज्यादा सटीक बना सकते हैं। गलत चाल से होने वाला दर्द, और खेल में चोट का खतरा  दोनों को कम करता है, आर्थोसेंस।यह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक है और मेक इन इंडियाको बढ़ावा देने वाली है। आर्थोसेंस सिर्फ डिवाइस नहीं, चलने की नई उम्मीद है।