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संभल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई और 46 साल पुराने दंगे की खुलेंगी फाइलें

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- प्रशासनिक अधिकारियों के लिए यह कार्रवाई एक चुनौतीपूर्ण कार्य

- नगर निगम और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने अतिक्रमण की नाप-जोख शुरू

संभल। संभल, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिला, इन दिनों सुर्खियों में है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए एक बयान के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और 46 साल पहले के दंगों से जुड़ी फाइलों को फिर से सक्रिय करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इसी के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को पुराने विवादित मुद्दों की निष्पक्षता से समीक्षा करने और कानून व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के बाद संभल के कुछ हिस्सों में अतिक्रमण हटाने के लिए एक बड़ी टीम ने सुबह से ही कार्रवाई शुरू कर दी।

46 साल पुराने दंगे का इतिहास -

46 साल पहले संभल में एक सांप्रदायिक घटना ने तूल पकड़ा था। रिपोर्ट के अनुसार, छोटी-छोटी घटनाओं से शुरू हुई यह हिंसा धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते दंगे का रूप ले चुकी थी। उस समय प्रशासन ने स्थिति को संभालने में देरी की, जिसके कारण दोनों पक्षों में टकराव बढ़ गया।

मुख्य कारण :

धार्मिक जुलूस के दौरान झड़प

आपसी विवाद

बाहरी तत्वों का हस्तक्षेप

प्रशासन की भूमिका और फाइलें दबने का आरोप -

उस समय स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगा कि उन्होंने दंगों के मुख्य आरोपियों को बचाने का प्रयास किया और साक्ष्यों के अभाव में मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया।

जांच आयोग गठित नहीं किया गया।

दोषियों की पहचान अधूरी रह गई।

समय के साथ फाइलें दबा दी गईं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हालिया बयान में कहा उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है। 46 साल पहले जो मामले दबा दिए गए थे, उन्हें फिर से खोला जाएगा और दोषियों को सजा मिलेगी।

पुराने दंगों की निष्पक्ष समीक्षा

अतिक्रमण हटाने की सख्ती

प्रशासनिक जवाबदेही तय करना

योगी सरकार ने पहले भी कई विवादित और पुराने मामलों पर एक्शन लिया है। संभल का यह मामला भी उसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है।

संभल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई -

17 दिसंबर की सुबह संभल जिले में नगर निगम और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने अतिक्रमण की नाप-जोख शुरू की। टीम के साथ भारी पुलिस बल तैनात था। स्थानीय अधिकारियों ने मकानों और दुकानों का सर्वेक्षण किया।

प्रभावित क्षेत्र और अतिक्रमण -

मुख्य रूप से उन क्षेत्रों को निशाना बनाया गया जहां अतिक्रमण ने सड़कों को संकीर्ण कर दिया था और जनजीवन प्रभावित हो रहा था।

मुख्य बाजार

धार्मिक स्थल के आसपास की जगह

सरकारी जमीन पर बने अवैध ढांचे

जनता की प्रतिक्रिया -

अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया। वहीं, कुछ लोग इसे एकतरफा कार्रवाई बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि हमें समय दिया जाना चाहिए था। अचानक से मकानों की नाप शुरू हो गई। यह सही तरीका नहीं है।

पुरानी फाइलों की समीक्षा -

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद संभल प्रशासन ने 46 साल पुराने दंगे से जुड़ी फाइलों को खंगालना शुरू कर दिया है।

पुराने रिकॉर्ड की समीक्षा

दोषियों की पहचान

नए सिरे से जांच

योगी सरकार की नीति -

योगी आदित्यनाथ सरकार शुरू से ही कानून-व्यवस्था पर सख्त कदम उठाती रही है।

पुराने विवादों का समाधान

अतिक्रमण हटाने की मुहिम

दंगों में दोषियों को सजा

संभल में हो रही कार्रवाई भी इसी नीति का हिस्सा है। संभल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई और 46 साल पुराने दंगों की फाइलों को फिर से खोलना प्रशासनिक सख्ती और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

जनता के बीच इस कार्रवाई को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है।

प्रशासनिक अधिकारियों के लिए यह कार्रवाई एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।

संभल की यह घटना केवल स्थानीय मामला नहीं है, बल्कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लॉ एंड ऑर्डर नीति का हिस्सा है।