- शामिल एसीपी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की भी मांग
- सुनियोजित षड्यंत्र बताते हुए संगठनों ने प्रशासन पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया
कानपुर। विश्वविद्यालय की पीएचडी की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के मामले ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। इस मामले में आरोपी पर लव जिहाद का आरोप लगाया जा रहा है, जिसके बाद बजरंग दल सहित कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने इस घटना में शामिल एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की भी मांग की है। मामला तूल पकड़ते ही प्रशासन और पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं, जबकि सामाजिक और धार्मिक संगठनों के बीच गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
पीड़िता विश्वविद्यालय में पीएचडी की छात्रा है और आरोपी से उसकी मुलाकात कुछ समय पहले हुई थी। आरोपी ने फर्जी पहचान और झूठे वादों के साथ छात्रा से दोस्ती की। बाद में आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के बयान में यह साफ कहा गया है कि आरोपी की असल पहचान और नीयत का खुलासा बाद में हुआ।
लव जिहाद का आरोप -
घटना के सामने आने के बाद बजरंग दल और अन्य संगठनों ने इसे लव जिहाद का मामला करार दिया। आरोप है कि आरोपी ने धर्म छुपाकर छात्रा को गुमराह किया। इसे सुनियोजित षड्यंत्र बताते हुए संगठनों ने प्रशासन पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया।
बजरंग दल का विरोध प्रदर्शन -
इस घटना के विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।
प्रमुख मांगें :
o आरोपी की जल्द गिरफ्तारी।
o मामले की निष्पक्ष जांच।
o घटना में शामिल एसीपी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी।
प्रदर्शन का स्वरूप:
• बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला।
• पुलिस थाने और सरकारी कार्यालय के बाहर नारेबाजी की।
• स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया -
1. पुलिस और जांच की स्थिति
• पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
• पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने बयान जारी कर कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है।
एसपी का बयान :
"हम दोषियों को बख्शेंगे नहीं। पीड़िता को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।"
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि एसीपी ने मामले को दबाने की कोशिश की और पीड़िता को न्याय दिलाने में लापरवाही बरती। मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति (SIT) गठित करने की मांग की जा रही है।
कानूनी और सामाजिक पहलू -
लव जिहाद कानून का संदर्भ :
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाए गए हैं, जिनके तहत धर्म छुपाकर शादी या शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। बजरंग दल का कहना है कि इस मामले में लव जिहाद कानून के तहत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पीड़िता को न्याय और सुरक्षा :
मामले के उजागर होने के बाद पीड़िता की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन को पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्परता दिखानी होगी।
सामाजिक संगठनों की भूमिका और प्रतिक्रिया -
बजरंग दल ने इस घटना को धार्मिक और सांस्कृतिक सुरक्षा से जोड़ते हुए इसे बड़े षड्यंत्र का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। कुछ अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस मुद्दे पर बजरंग दल का समर्थन किया और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की। यह घटना हमारी बेटियों के सम्मान पर हमला है। दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बढ़ते प्रदर्शनों और जनाक्रोश के कारण प्रशासन पर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।
यह मामला केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि सामाजिक और सांप्रदायिक संवेदनाओं से जुड़ा हुआ है। पीड़िता को न्याय दिलाना और दोषियों को सख्त सजा देना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। लव जिहाद के आरोपों के मद्देनजर निष्पक्ष जांच जरूरी है ताकि समाज में किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक तनाव न बढ़े। बजरंग दल और अन्य संगठनों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन को पारदर्शिता से काम करना होगा ताकि जनता का भरोसा बना रहे।