मथुरा, उत्तर प्रदेश
मथुरा की लवली अग्रवाल ने आपदा को अवसर में बदला और अपने साहस और हुनर से यह सिद्ध किया है कि सच्ची लगन हो तो कठिन समय भी नए अवसर लेकर आता है। कोरोना काल के बाद जब उनका कारोबार धीमी गति पर आगया था तो उन्होंने उसकी गति बढ़ाने के लिए अपने आर्टिफीसियल व कुंदन ज्वेलरी के कारोबार को व्हाट्सएप ग्रुप मॉडल से जोड़ा और अपने ग्राहकों की मांग के अनुसार उसको तैयार करने लगी जिससे महिलाओं का आकर्षण उनके प्रोडक्ट की ओर तेजी से बढ़ा और डिमांड बढ़ने लगी। आज उनके नेटवर्क से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान की 70 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। यह महिलाएं आकर्षक और ट्रेंडिंग डिजाईन की ज्वेलरी तैयार करती हैं और इनकी बिक्री कर प्रति माह 10 से 12 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं। लवली अग्रवाल का यह कदम न केवल उनकी दुकान से आगे बढ़कर ऑनलाइन सफलता की कहानी बना अपितु कई परिवारों को आर्थिक मजबूती और आत्मविश्वास भी दिया। लवली का यह अभिनव प्रयोग बताता है कि महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा आधार है आत्मनिर्भरता। आज लवली सिर्फ एक सफल उद्यमी नहीं अपितु सैकड़ों महिलाओं के सपनों की प्रेरणा बन चुकी हैं।