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पूर्वांचल में ईसाई मिशनरियों की चाल नाकाम!

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हाल के दिनों में पूर्वांचल के कई जिलों में मतांतरण का एक नया तरीका सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। जी हां, पहले लोग धर्म बदलने के बाद अपना नाम, पहचान और जाति तक बदल लेते थे, लेकिन अब यह सब गुपचुप तरीके से किया जा रहा है, ताकि किसी को पता भी न चले और सरकारी लाभ भी पहले की तरह मिलता रहे। जानकारी के अनुसार, अब ईसाई मिशनरियाँ मतांतरण कराने वालों से नाम या सरनेम बदलने को नहीं कह रहीं। लेकिन अंदर-ही-अंदर लोगों को ईसाई में परिवर्तित कर देते हैं। ताकि लोगों को सरकारी योजनाएँ, आरक्षण और अन्य सुविधाएँ मिलती रहें और किसी को शक भी न हो। लेकिन जाँच में पता चला है कि अब मिशनरियाँ खुलकर प्रचार नहीं करतीं। वे स्थानीय लोगों के बीच रहकर चुपचाप मतांतरण करवाती हैं। इसके लिए उन्होंने कुछ आशा कार्यकर्ताओं, महिलाओं और बिचौलियों को मोहरा बना लिया है। जाँच में यह भी सामने आया है कि गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

My unfortunate conversion- How Christian evangelists slowly and rather  deceptively lured me into joining their faith during my college days

मिशनरियाँ सीधे परिवार को टारगेट नहीं करतीं, बल्कि उनके बच्चों के जरिए घर में एंट्री लेती हैं। वही एक व्यक्ति का धर्म बदलवाने पर 25,000 से 50,000 रुपए तक का कमीशन मिलता है। इसी कड़ी में जौनपुर पुलिस ने इस वर्ष मतांतरण के चार मामले दर्ज किए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही एसपी डॉ. कौस्तुभ ने बताया की ,जहाँ भी लालच देकर मतांतरण की शिकायत मिलती है, वहाँ तुरंत छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई की जाती है।