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लागत केवल 3 हजार… कमाई डेढ़ लाख तक!

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गोंडा, उत्तर प्रदेश 

जहाँ पहले किसान पारंपरिक फसलों में सीमित मुनाफे और अधिक मेहनत से जूझते थे, वहीं अब भिंडी की खेती ने किसानों की किस्मत बदल दी है। प्रगतिशील किसान लालू प्रसाद मौर्य ने अपने अनुभव से साबित कर दिया कि आत्मनिर्भर बनने का रास्ता अपने खेत से ही निकलता है। सिर्फ 3 हजार रुपए की लागत में उन्होंने डेढ़ लाख तक की कमाई कर दिखाई और अब आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। लालू प्रसाद मौर्य बताते हैं 'पढ़ाई बीच में छुट  गयी, लेकिन हार नहीं मानी। खेती में नया प्रयोग किया। गेहूं और धान से कहीं बेहतर फायदा मिला। भिंडी की फसल कम समय में तैयार हो जाती है, बाजार में इसकी मांग हमेशा रहती है। अब हर हफ्ते आमदनी हो रही है और मैं आत्मनिर्भर बन गया हूँ।' उन्होंने मात्र एक से डेढ़ बीघा जमीन में खेती शुरू की, 2-3 महीने में मुनाफा कमाने लगे। उनकी सफलता से प्रेरित होकर आसपास के किसान भी भिंडी और अन्य सब्जियों की खेती कर रहे हैं। पारंपरिक खेती की जगह सब्जी उत्पादन से अच्छा लाभ मिल रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। यह सिर्फ खेती नहीं, आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है। अगर हर किसान अपने खेत में नए प्रयोग करे जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन करे और स्थानीय बाजार से जुड़कर अपनी आमदनी बढ़ाए तो आत्मनिर्भर भारत का सपना आवश्य साकार करेगा।