मेरठ, उत्तर प्रदेश
आपको सुनने में भले अजीब लगे कि कोई बिल्डर सिर्फ मजहब विशेष के लिए टाउनशिप बनाए लेकिन यह ही हकीकत है। यह कोई छुपी हुई बात नहीं, यह खुला खेल है मुसलमानों की वही नफरत जो हिंदुओं को नीचा दिखाने, उन्हें अलग-थलग करने और कब्जा जमाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। मेरठ के हापुड़ रोड पर स्थित अब्दुल्ला रेजिडेंसी ने यह साफ कर दिया है कि यहाँ हिंदुओं की एंट्री पर प्रतिबन्ध है। यहाँ हिंदुओं को प्लॉट और मकान खरीदने से रोका जा रहा है और केवल एक खास मजहब के लोगों को बसाया जा रहा है। क्या यह षड्यंत्र नहीं? क्या यह समाज को बाँटने का अपराध नहीं? यह वही मानसिकता है जो हर बार नई चाल चलती है पहले प्लॉट नहीं देते, फिर प्रवेश बंद करते हैं, फिर मस्जिद बनाकर इलाका घेरते हैं और अंत में हिंदुओं को बेदखल कर अपनी संख्या बढ़ाते हैं। कॉलोनी में मस्जिद निर्माण तेजी से चल रहा है क्या यह संयोग है? बिल्कुल नहीं! यह हिंदुओं की पीठ में छुरा घोंपने की साफ रणनीति है। कुछ दिनों पहले मुंबई में ऐसी घटना हुई जहाँ बिल्डर कर्जत में एक ऐसी टाउनशिप बना रहा है जो सिर्फ मुस्लिमों के लिए होगी। इस टाउनशिप के विज्ञापन पर बवाल खड़ा हो गया था। अब मेरठ में वही खेल दोबारा खेला जा रहा है। स्थानीय लोग बता रहे हैं कि हिंदुओं को अंदर जाने तक नहीं दिया जा रहा। गैंगस्टर शारिक जैसे अपराधियों की जमीन भी इसमें शामिल बताई जा रही है। साफ है यह सिर्फ संपत्ति का खेल नहीं, यह हिंदुओं के अस्तित्व पर सीधा हमला है। पहले मकान में एंट्री से रोको, फिर समाज तोड़ो, फिर कब्जा करो यही है इनकी कट्टरपंथी मानसिकता। डायरेक्टर महेंद्र गुप्ता कह रहे हैं 'हिंदुओं को भी प्लॉट दिए गए हैं'। क्या यह मजाक है? आखिर समाज के अधिकारों के साथ खिलवाड़ करने की इतनी हिम्मत कैसे हुई? मस्जिद कॉलोनी के अंदर बने या बाहर यह बहाना सिर्फ आरोपों से बचने का तरीका है। असली सच जमीन पर दिख रहा है हिंदुओं को रोको, बाहर करो, घेरो। ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने कहा कि मजहब के आधार पर संपत्ति बेचना गलत है, सही कहा! लेकिन सवाल यह है आखिर कब तक ऐसे अपराधी बेखौफ समाज को बाँटते रहेंगे? यह मामला केवल मेरठ का नहीं, पूरे राष्ट्र के लिए चेतावनी है कि मुसलमानों का एक वर्ग खुलेआम हिंदुओं से नफरत कर रहा है। अब समय है जागो, एकजुट हो और ऐसे नफरत फैलाने वालों का पर्दाफाश करो। चुप रहना मतलब उनके इरादों को समर्थन देना। यह हिंदुओं की पहचान, अधिकार और अस्तित्व पर हमला है। यदि अभी नहीं चेतेंगे तो कल बहुत देर हो जाएगी। यह लड़ाई केवल संपत्ति की नहीं यह हमारी अस्मिता की लड़ाई है। हिंदुओं को चाहिए कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएँ। प्रशासन की ढिलाई पर सवाल करें। ऐसे मुस्लिम कट्टरपंथियों की हर चाल पर नजर रखें। समाज को बाँटने की हर कोशिश का विरोध करें। यह समय हाथ पर हाथ धरे बैठने का नहीं। यह समय है राष्ट्र पर हो रही साजिश पर पलटवार करने का , खुलकर विरोध करने का।