- प्रदेश के अभिलेखागार व संग्रहालयों में काफी प्राचीन कलाकृतियों, मूर्ति, पुरातात्विक महत्व के स्थलों से जुड़ी चीजें संरक्षित हैं। महाकुंभ को देखते हुए संस्कृति विभाग की ओर से इन संग्रहालयों की 100 उत्कृष्ट कलाकृतियों की थ्रीडी स्कैनिंग करवाई गई है।
- महाकुंभ में एक तरफ जहां सभी प्रमुख देवस्थलों का एक विशेष स्थल पर संगम किया गया है, वहीं प्रदेश भर के पुरातात्विक महत्व के स्मारकों व स्थलों, कलाकृतियों का भी संगम होगा। इसमें कई चीजें दो-ढाई हजार साल पुरानी भी हैं।
लखनऊ। महाकुंभ के ऐतिहासिक महत्व को देश के कोने में पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग संग्रहालयो कि 100 कलाकृतियो का एआर-वीआर प्रदर्शन करने की तैयारी में जुट गया है। इस मौके पर प्रदेश भर के पुरातात्विक महत्व के स्थलों और स्मारकों की जानकारी दी जाएगी।
महाकुंभ में एक तरफ जहां सभी प्रमुख देवस्थलों का एक विशेष स्थल पर संगम किया गया है, वहीं प्रदेश भर के पुरातात्विक महत्व के स्मारकों व स्थलों, कलाकृतियों का भी संगम होगा। इसमें कई चीजें दो-ढाई हजार साल पुरानी भी हैं। संस्कृति विभाग इन प्रमुख स्थलों के थ्रीडी होलाग्राफिक मॉडल, वर्चुअल रियलिटी, ऑडियो रियलिटी (एआर-वीआर) तकनीकी से संग्रहालय के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पहलुओं का वास्तविक अनुभव कर पाएंगे।
प्रदेश सरकार की ओर से महाकुंभ को डिजिटल बनाने पर भी फोकस होकर काम किया जा रहा है। इसमें आम लोगों से जुड़ी काफी चीजें व सुविधाएं ऑनलाइन की गई हैं। वहीं प्रदेश के अभिलेखागार व संग्रहालयों में काफी प्राचीन कलाकृतियों, मूर्ति, पुरातात्विक महत्व के स्थलों से जुड़ी चीजें संरक्षित हैं। महाकुंभ को देखते हुए संस्कृति विभाग की ओर से इन संग्रहालयों की 100 उत्कृष्ट कलाकृतियों की थ्रीडी स्कैनिंग करवाई गई है।