- दूसरी मंजिल से कुएं तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है
- गैस के रिसाव के कारण दोपहर में कुछ समय के लिए काम ठप रहा
संभल। क्षेत्र में स्थित एक पुरानी बावड़ी की पूरी संरचना और कुएं को खोजने के लिए खुदाई का काम लगातार जारी है। 21 दिसंबर से शुरू हुई इस खुदाई के दौरान बुधवार को मजदूरों ने 30 फीट की गहराई तक काम पूरा कर लिया। बावड़ी की सीढ़ियों से मिट्टी हटाते हुए दूसरी मंजिल से कुएं तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
कुएं का प्रवेश द्वार मिला -
खुदाई के दौरान 25 सीढ़ियां साफ करने के बाद मजदूरों को कुएं का गोलाकार ईंटों का गेट नजर आया। दोपहर करीब दो बजे जब गेट से मिट्टी हटाई गई, तो वहां हल्के धुएं के साथ गैस का रिसाव होने लगा। इस कारण राज्य पुरातत्व संर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों ने सुरक्षा कारणों से खुदाई रोकने का निर्देश दिया।
गैस रिसाव के चलते रोका गया काम -
गैस के रिसाव के कारण दोपहर में कुछ समय के लिए काम ठप रहा, लेकिन दूसरी ओर से खुदाई शाम 5 बजे तक चलती रही। मजदूर सावधानीपूर्वक मिट्टी हटाते हुए कुएं के पास बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती -
बावड़ी में खुदाई और संरचना की ऐतिहासिकता को लेकर स्थानीय लोगों और बाहरी दर्शकों में उत्सुकता है। बुधवार को जब बावड़ी के पास शंखनाद हुआ, तो पुलिस ने गली के गेट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। पुलिस ने बाहरी लोगों को बावड़ी के पास जाने से रोक दिया, जिससे कई लोग निराश होकर लौट गए।
संरचना का ऐतिहासिक महत्व -
यह बावड़ी संभवतः क्षेत्र की प्राचीन जल संरक्षण प्रणाली का हिस्सा रही है। खुदाई से मिलने वाले अवशेष और संरचना के अध्ययन से इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को समझने में मदद मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बावड़ी से जुड़े और भी कई रहस्य खुल सकते हैं। खुदाई का काम एएसआई की निगरानी में जारी है और आने वाले दिनों में इसके और भी रोचक खुलासे होने की संभावना है।