लखनऊ मंडल की गति
शक्ति यूनिट की टीम और नामित कंसल्टेंसी एजेंसी ने वड़ोदरा स्टेशन की तर्ज पर
गोरखपुर स्टेशन के विकास का खाका तैयार किया है। अगले सप्ताह रेलवे प्रशासन के
समक्ष गोरखपुर और गोंडा स्टेशन के नए माडल प्रस्तुत किए जाएंगे। कायाकल्प होने के बाद स्टेशन पर प्रवेश करते ही
गोरखनाथ की धरती की झलक दिखेगी। मुख्य द्वार पर ही सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक
धरोहरों से परिचय हो जाएगा।
स्टेशन के ऐतिहासिक भवन को भी संरक्षित रखा जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट की तरह लाउंज बनाए जाएंगे। पुनर्विकास योजना के तहत पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर और गोंडा सहित गोमतीनगर, लखनऊ जंक्शन, छपरा और काठगोदाम सहित कुल छह स्टेशनों का चयन किया गया है।
विकसित होने के बाद गोरखपुर स्टेशन महानगर के दोनों हिस्सों (उत्तर और दक्षिण) को जोड़ेगा। स्टेशन परिसर में वाहनों को खड़ा होने के लिए सिर्फ चार मिनट का समय मिलेगा। निर्धारित से अधिक समय होने पर शुल्क लगेगा। इसके लिए शुल्क तय किए जाएंगे।
                                
                                
                                
                            
                            
                            
                            
                                


