आगरा, उत्तर प्रदेश
जब हर बार शिकार हिंदू लड़की हो और शिकारी मुसलमान , तो यह इत्तेफाक नहीं, सुनियोजित मजहबी जिहाद होता है। अब नाम बदलकर झूठे प्यार के जाल में फँसाना, घर से भगाना, इस्लाम कबूल करवाना और कोर्ट मैरिज के नाम पर उसकी पहचान को मिटा देना — मुसलमानों की मानसिकता का स्थाई तरीका बन चुका है। दिल्ली की रहने वाली 25 वर्षीय युवती 3 जुलाई को लापता हो गई। परिवार वालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। जांच में सामने आया कि मोहल्ले में किराए पर रहने वाला युवक निसारुद्दीन जो मूलतः उत्तर प्रदेश का निवासी है उसे बहला-फुसलाकर प्रयागराज ले गया। वहाँ युवती का जबरन मतान्तरण कराया गया और फिर आगरा में कोर्ट मैरिज की योजना बनाई गई ताकि कानूनी जाल में फँसाकर पूरी तरह से उसके अस्तित्व को मिटाया जा सके। जैसे ही कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस योजना की भनक लगी, तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया। युवती और युवक को दीवानी परिसर के बाहर से रोका गया और पूछताछ के लिए थाने लाया गया। चूंकि युवती की गुमशुदगी पहले से दर्ज थी, इसलिए उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत दिल्ली पुलिस को सौंपा गया। यह अकेली घटना नहीं है। प्रेम-जाल में फँसाकर पहले भावनात्मक लगाव, फिर मतान्तरण और अंत में निकाह यह पूरी प्रक्रिया अब एक पैटर्न बन चुकी है। ऐसी घटनाओं को अनदेखा कर व्यक्तिगत मामला कहकर टालने की आदत को सुधारना होगा और जागरुक होना होगा। तभी हिन्दू बेटियों को जिहादी जाल से बचाया जा सकता है।