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गाजीपुर के जमीन पर इस्लामी षड्यंत्र

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गाजीपुर, उत्तर प्रदेश 

गाजीपुर की धरती पर एक सुनियोजित मजहबी षड्यंत्र रचा गया । हिन्दू नाम की आड़ लेकर एक महिला ने पहले दूसरी हिन्दू महिला से दोस्ती की, फिर उसके साथ जमीन खरीदी और जब हिंदू महिला ने अपनी जमीन मांगी तो उससे कहा गया – “मुस्लिम बन जाओ, चादर बेचो… वरना 10 लाख का हर्जाना दो।” क्या यही मजहब है? नहीं! ये है खुलेआम मतांतरण का मजार मॉडल। नाम शांति देवी, लेकिन काम था मुस्लिम एजेंडे को अंजाम देना। हिंदू वेश भूषा का लिबास ओढ़े 

इस महिला ने उसी जमीन पर मजार खड़ी की,वहां कब्जा जमाया और फिर खुले शब्दों में शीला देवी से कहा – “धर्म बदलो, इस्लाम कबूल करो, वरना मुकदमे में फंसा देंगे।” इससे बड़ा मजहबी आतंक और क्या होगा? गरीब महिला जो दुकान चलाकर अपने बच्चों का पेट पाल रही थी, आज मतान्तरण के लिए मजबूर की जा रही है। मजार की आड़ में ये लोग न केवल जमीन हड़प रहे हैं, अपितु हिंदू स्त्रियों की आस्था, पहचान और अस्तित्व तक मिटाने का खेल खेल रहे हैं। ये कोई पहली घटना नहीं है लेकिन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्या अब कोई भी मुस्लिम कट्टरपंथी सोच रखने वाला व्यक्ति मजार बनाकर हिंदू जमीनों पर मजहबी झंडा फहराएगा? अब समय आ गया है की ऐसी कट्टरपंथी सोच का दो टूक जवाब देना , हर षड्यंत्र का पर्दाफाश करना होगा। पहचान छिपाकर मजार की आड़ लेकर मतान्तरण के इस खेल को उखाड़ फेंकना होगा। ये केवल एक महिला की लड़ाई नहीं, ये हर उस हिंदू की पुकार है जो आज भी धर्म, भूमि और अस्तित्व की रक्षा के लिए लड़ रहा है। ये कोई मजहब नहीं यह साफ तौर पर मजहबी आतंकवाद है, जो अब चादर, इत्र और अगरबत्ती की आड़ में विष घोल रहा है। अब समय आ गया है कि हिंदू समाज संगठित हो और इन षड्यंत्रकारियों को करारा जवाब दे।