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शासन के रडार पर मदरसे, एलआईयू एक महीने करेंगे जांच

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- पुलिस ने प्रदेश में मदरसों का सत्यापन शुरू कर दिया है। इस संबंध में पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों को पत्र जारी किए गए थे। जिलों की स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराएगी।

- अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन एपी अंशुमान ने बताया कि शासन के निर्देशों के बाद सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों को सत्यापन संबंधी पत्र जारी किए गए हैं। एक माह के बाद रिपोर्ट सौंपने के निर्देश पुलिस प्रभारियों को दिए गए हैं।

देहरादून। मदरसों में हो रही अपराधिक गतिविधियां शासन के राडार पर है। उत्तराखंड सरकार ने मदरसों की जांच के आदेश दिए थे। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने टीम बनाकर छापेमारी शुरू कर दी है। बता दें कि मदरसों में कई अलग-अलग अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की खबरें सुर्खियों में आती रहती है। इसको लेकर शासन ने जांच करने का फैसला लिया है। 

पुलिस ने प्रदेश में मदरसों का सत्यापन शुरू कर दिया है। इस संबंध में पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों को पत्र जारी किए गए थे। जिलों की स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराएगी। बताया जाएगा कि कितने मदरसे वैध और कितने अवैध हैं। शासन के निर्देश पर ही अगली जांच और कार्रवाई की जाएगी।

पिछले दिनों सरकार ने प्रदेश में मदरसों के सत्यापन के निर्देश दिए थे। शुरुआती चरण में इसके लिए पुलिस की ओर से काम शुरू कर दिया गया है। जिलों की एलआईयू से रिपोर्ट आने के बाद इसे अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद जो अवैध मदरसे हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में यदि किसी की फंडिंग संदिग्ध है तो उसकी जांच भी की जाएगी। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शासन से निर्देश मिलने के बाद संबंधित संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

बता दें कि इसके लिए हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी किया गया है। हालांकि, एलआईयू को प्रथम चरण में सिर्फ यही देखना है कि कितने मदरसे अवैध और कितने वैध हैं।

इसके बाद ही अगली जांच की जाएगी। इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन एपी अंशुमान ने बताया कि शासन के निर्देशों के बाद सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों को सत्यापन संबंधी पत्र जारी किए गए हैं। एक माह के बाद रिपोर्ट सौंपने के निर्देश पुलिस प्रभारियों को दिए गए हैं।