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महाकुंभ 2025: संगम तट पर रूस-यूक्रेन के संतों का शांति मिशन

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- 50 से अधिक संतों के लिए विशेष वुडेन कॉटेज और आध्यात्मिक गलियारा तैयार

- आध्यात्मिक संवाद और शांति स्थापना के लिए एक नई दिशा

प्रयागराज। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 में दुनिया के दो युद्धरत देशों, रूस और यूक्रेन के संत एक अनोखी पहल के तहत शांति और समरसता का संदेश देंगे। जूना अखाड़े के शिविर में दोनों देशों के 50 से अधिक संतों के लिए विशेष वुडेन कॉटेज और आध्यात्मिक गलियारा तैयार किया गया है। यह पहल युद्ध से जूझ रहे देशों के बीच आध्यात्मिक संवाद और शांति स्थापना के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगी।  

शांति के लिए अनोखा आध्यात्मिक गलियारा -

त्रिवेणी संगम पर जूना अखाड़े के शिविर में रूस और यूक्रेन के संन्यासियों के लिए लकड़ी और कांच से निर्मित दो मंजिला गलियारा बनाया गया है। इस गलियारे में दोनों देशों के संत आमने-सामने रहेंगे और विश्व शांति के लिए एक ही हवन कुंड में आहुति देंगे। यह आयोजन जापान की योगमाता महामंडलेश्वर स्वामी कैला माता (केको आईकावा) के आचार्यत्व में संपन्न होगा।  

शाही सुविधाओं से युक्त कॉटेज -

संगम तट पर बनाए जा रहे इन कॉटेजों में आधुनिक सुविधाएं, लग्जरी बेड और शाही आतिथ्य की व्यवस्था की गई है। इन संत निवासों में सत्संग हाल और ध्यान कक्ष भी शामिल हैं। 25 से 30 जनवरी तक चलने वाले इस महायज्ञ में जापान, अमेरिका, कनाडा, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, और नेपाल के संत भी शामिल होंगे।  

विश्व शांति के लिए महायज्ञ -

तीन वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यह आयोजन शांति स्थापना का वैश्विक संदेश देगा। संगम तट पर हवन, यज्ञ और सत्संग के माध्यम से इन संन्यासियों का उद्देश्य मानवता और वैश्विक भाईचारे को बढ़ावा देना है।  

जूना अखाड़े की पहल -

महाकुंभ में यह आयोजन जूना अखाड़े की ऐतिहासिक पहल है। महायोगी महामंडलेश्वर स्वामी सोमनाथ गिरी (पायलट बाबा) के शिविर में तैयार किए जा रहे इन कॉटेजों के माध्यम से रूस और यूक्रेन के संन्यासियों का मिलन संगम तट पर देखने योग्य होगा। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैश्विक शांति की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में याद किया जाएगा।