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श्री गंगाजी महारानी मंदिर प्रकरण में नया मोड़

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- रिटायर्ड अमीन ने किया भवन पर दावा

- मंदिर की संपत्ति को महंत परमेश्वरी दास को दान में दी थी

बरेली। बरेली के कटघर इलाके में स्थित श्री गंगाजी महारानी मंदिर से संबंधित भवन पर अब एक नया मोड़ आया है। सेवानिवृत्त अमीन वीरेंद्र सिंह (76) ने इस संपत्ति पर अपना दावा ठोका है और संबंधित दस्तावेज प्रशासन को सौंपे हैं। वीरेंद्र सिंह का कहना है कि यह संपत्ति उनके परिवार की है, और वे रामलाल के प्रपौत्र हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने मंदिर की संपत्ति को महंत परमेश्वरी दास को दान में दी थी।

वीरेंद्र सिंह ने हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की और एडीएम प्रशासन व एसडीएम सदर को अपने दस्तावेज सौंपे। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण सिंह, जिन्होंने इस जमीन को महंत परमेश्वरी दास को प्रभु सेवा के लिए दान किया था, उनके दो बेटे जय सिंह और रामलाल थे। वीरेंद्र सिंह ने खुद को रामलाल का प्रपौत्र बताते हुए कहा कि उनके परिवार का इस संपत्ति पर पहला हक है।

इससे पहले, श्याम सुंदर दास, जो खुद को महंत परमेश्वरी दास का वंशज बताते हैं, भी इस भवन पर अपना दावा कर चुके हैं। श्याम सुंदर दास ने खुद को सर्वराकार के रूप में इस भवन पर अधिकार जताया है। इसके अलावा, राकेश सिंह और नरेंद्र सिंह उर्फ रमेश बाबा ने भी मंदिर परिसर को मुस्लिम परिवार से कब्जा मुक्त करने की मांग की थी, और वे जय सिंह के प्रपौत्र हैं।

वीरेंद्र सिंह ने प्रशासन से आग्रह किया है कि यदि यह भवन वास्तव में मंदिर है, तो इसे फिर से मंदिर के स्वरूप में बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर मंदिर होने की बात साबित नहीं होती है, तो इसे पूर्व की तरह सरकारी उपयोग में रखा जाए, जैसे कि स्कूल या अस्पताल में। वीरेंद्र सिंह का यह भी कहना था कि उनका परिवार इस संपत्ति को पहले ही दान कर चुका है, और उन्हें अपने पूर्वजों की इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए।