- 12 जनवरी को भव्य उद्घाटन में पहुंचेंगे मुख्यमंत्री
- अलग-अलग क्षेत्रों में नाम कमाने वाले कई प्रवासी उत्तराखंडी हो रहे हैं शामिल
- अभी तक 50 प्रवासी उत्तराखंड के लोगों ने कराया पंजीकरण
उत्तराखंड। प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में उत्तराखंड को विशेष पहचान मिलेगी । इस आयोजन से उत्तराखंड में निवेश की संभावनाएं खोजी जाएगी। हॉस्पेटिलिटी, वेलनेस, कौशल विकास, विदेश में रोजगार और उच्च शिक्षा के साथ ही उद्यान जड़ी-बूटी में संभावनाओं पर चार सत्रों में गहन मंथन किया जाएगा। कार्यक्रम में 17 देशों से लोगों के आने की संभावना है। अभी तक सरकारी रिकार्ड में 50 प्रवासी उत्तराखंड के लोगों ने पंजीकरण करा लिया है। 12 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम को उद्घाटन करेंगे।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में निवेश के मौको को तलाशने के साथ- साथ रोजगार, उच्च शिक्षा, जड़ी बूटी में भविष्य की क्या योजनाए हो सकती है। इस पर गहन विचार और मंथन किया जाएगा। विदेशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी मिट्टी से जोड़ने की पहल खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की।
दरअसल, दिसंबर 2023 में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले सीएम विदेश दौरे पर गए थे, जहां प्रवासियों ने उनका उत्तराखंड की रीति परंपरा से स्वागत किया। इस दौरान तमाम सफल लोगों की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई। इसी के बाद सीएम ने ऐसे प्रवासियों के अनुभव का लाभ लेने के लिए शासन में प्रवासी उत्तराखंडी सेल गठित करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन भी आयोजित करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में सात नवंबर 2024 को देहरादून में अपने देश के भीतर ही विभिन्न राज्यों में रहने वाले उत्तराखंडियों के बीच ऐसा ही एक सम्मेलन आयोजित किया जा चुका है।
शामिल हो रहे कई दिग्गज सम्मेलन में विदेश में रह रहे अलग-अलग क्षेत्रों में नाम कमाने वाले कई प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हो रहे हैं। इसमें प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त दुबई के गिरीश चंद्र पंत के अलावा चीन से देव रतूड़ी, अमेरिका से डॉ. अनीता शर्मा, जापान से भुवन तिवारी, सिंगापुर से सुनील थपलियाल, मीनाक्षी डबराल, थाईलैंड से डॉ. एके काला आदि हैं। कई प्रवासी इससे पूर्व केंद्र सरकार की ओर से भुवनेश्वर में आयोजित किए जा रहे प्रवासी भारतीय
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विदेशों में रहने वाले उत्तराखंड के प्रवासी, हर क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं। उनके पास ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी, उद्यमशीलता का अनुभव है। सरकार चाहती है कि इस अनुभव से उत्तराखंड प्रवासी अपने प्रदेश और गांव का भी विकास करें। सरकार इस काम में हर संभव मदद देने को तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार प्रवासियों को अपने प्रदेशों के विकास में योगदान की प्रेरणा देते रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।