नोएडा।
इस दौरान पिछले वर्ष हुए प्रेरणा विमर्श पर आधारित पुस्तक पंच परिवर्तन का भी विमोचन हुआ।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मंत्र विप्लव (वैचारिक क्षेत्र में नवोत्थान) विषय पर सत्र की वक्ता रहीं राज्यसभा सांसद और
विख्यात इतिहासकार मीनाक्षी जैन ने कहा कि अयोध्या के समय में जो मैंने महसूस किया
कि तब के प्रकाशक काफी दबाव में रहते थे। जो पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के शासन के बाद बदल गए हैं, उनकी मानसिकता में बड़ा बदलाव आया है। पहले जब
मैं अयोध्या पर पुस्तक छपाने का प्रयास कर रही थी तो प्रकाशक इसे छापने से इनकार
कर रहे थे। अब वही प्रकाशक मुझे किताब लिखने को कहते हैं। मेरे ख्याल से पिछले 10 वर्षों में यह बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी ने
कहा कि सांस्कृतिक गुलामी से दशकों तक अभिशप्त रहने की हमारी लड़ाई, हमारा संघर्ष जारी है और मुझे लगता है
सांस्कृतिक गुलामी से बाहर निकलने में हम निश्चित तौर पर सफल हुए हैं। यह देश के
नवोत्थान की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बदलाव है। सत्र के मॉडरेटर के रूप में वरिष्ठ
पत्रकार प्रतिबिंब शर्मा ने ’विचारों के क्षेत्र में
तकनीक एक चुनौती है या अवसर` विषय पर रोचक तरीके से
सत्र का संचालन किया और आमंत्रित सदस्यों से ज्ञानवर्धक बातें कीं।
दूसरे सत्र में वसुधैव कुटुंबकम (वैश्विक क्षेत्र में नवोत्थान) विषय पर पूर्व राजदूत
सुशील कुमार सिंघल ने कहा कि जब तक अपनी सभ्यता के सिद्धांतों को आत्मसात नहीं
करेंगे, उसके अनुसार विदेश नीति,
अनुसंधान और आर्थिक नीतियां नहीं होंगी तब तक
हम औपनिवेशिकवाद का ही अनुसरण करते रहेंगे। हमें अपनी सार्वभौमिकता बढ़ाने के लिए,
उसको मजबूती देने के लिए खुद के बने रास्तों पर
ही चलने का संकल्प लेना होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिल्पकार नरेश कुमार कुमावत
ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में शिल्पकार के
तौर पर मैंने जो अनुभव किया है वह इतना ही है कि देश की सार्वभौमिकता और सनातनी
परंपरा, मूर्तियों की स्थापना के
रूप में जिस तरीके की मजबूती इस सरकार के दौरान मुझे देखने को मिली है वैसा पिछली
सरकारों में मुझे देखने का अनुभव नहीं मिला। दूसरी बात यह कि मैं जब भी किसी
विदेशी मुल्क में गया तो वहां भी सनातन की जो अलख जगी है वह पिछले 10 वर्षों की मोदी सरकार की बदौलत ही है, ऐसा मुझे प्रतीत होता दिखता है। कार्यक्रम के
संयोजक के तौर पर वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा ने गंभीरता से कार्यक्रम का संचालन
किया और मुख्य रूप से दोनों वक्ताओं-पूर्व राजदूत सुशील सिंघल
और अंतरराष्ट्रीय शिल्पकार नरेश कुमार कुमावत से वैश्विक संबंधों को लेकर रोचक और
दिलचस्प बातचीत की और उनसे वैश्विक संबंधों पर जानकारी साझा की।
तीसरे सत्र में शस्त्रेण रक्षति: राष्ट्रे (रक्षा क्षेत्र में नवोत्थान) विषय पर वक्ता रिटायर्ड मेजर जनरल विजय शरद रानाडे ने कहा कि इस वक्त युद्ध के नियम बदल गए हैं, लिहाजा हमारी सेना की सोच भी बदली है। अभी हमारी रक्षात्मक नीति से आक्रमण नीति बदली है, दृष्टिकोण बदला है, लड़ाई की परिभाषा बदली है। भारत ने स्वतंत्रता के बाद चार लड़ाइयां लड़ीं। बालाकोट, उरी और ऑपरेशन सिंदूर में दृष्टिकोण बदला है। रक्षा क्षेत्र में अब नई तकनीक आ रही हैं। ड्रोन और मिसाइलों का युग है। सीमाओं पर युद्ध ही नहीं, अब दूर से छद्म युद्ध भी लड़ा जा रहा है।
कार्यक्रम संचालक के तौर पर नेटवर्क-18 के प्रबंध संपादक आनंद नरसिम्हन ने कहा कि शत्रु बोध के साथ स्वयं बोध भी जरूरी है। उन्होंने वक्ता के तौर पर सेवानिवृत मेजर जनरल विजय शरद रानाडे और रक्षा विशेषज्ञ राजीव नयन से देश की रक्षा क्षेत्र में नवोत्थान पर बातचीत और चर्चा के दौरान देश की सनातन परंपरा की ताकत पर बेबाक राय भी रखी।
इस दौरान प्रेरणा सम्मान-2025 टाइम्स नाउ की ग्रुप एडिटर इन चीफ सुश्री नविका कुमार को दिया गया।



