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रामधुन के साथ निकली सनातन एकता यात्रा

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- इस पदयात्रा का उद्देश्य सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश देना

- कड़ी सुरक्षा के बीच झांसी से आज मध्यप्रदेश में पहुंचेगी यात्रा

झाँसी। धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर धाम के प्रमुख) की एकता पदयात्रा, जो रामधुन के साथ शुरू हुई थी, अब मध्यप्रदेश पहुंच चुकी है। इस पदयात्रा का उद्देश्य सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश देना है। यात्रा को लेकर कुछ विवाद भी हुए हैं, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट किया है कि उनकी यह यात्रा किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है।

धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा?

संदेश: उन्होंने कहा कि, "हमारी यात्रा का उद्देश्य सभी को जोड़ना और एकता का संदेश देना है। यह यात्रा मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। हम सबके लिए शांति और सौहार्द की बात करते हैं।"

राष्ट्र की एकता पर जोर :

उन्होंने बताया कि यह पदयात्रा हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति की जागरूकता के लिए है, लेकिन इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाना है।


रामधुन का आयोजन :

यात्रा के दौरान रामधुन गाई जा रही है, जिसे लोग एकता और भक्ति के प्रतीक के रूप में देख रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। यात्रा विभिन्न गांवों और शहरों से गुजर रही है और अब यह मध्यप्रदेश पहुंची है। यात्रा के स्वागत के लिए जगह-जगह पर विशेष इंतजाम किए गए हैं।

समाज में संवाद का प्रयास :

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने भाषणों में धर्म और समाज में सकारात्मकता लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य धर्म के नाम पर विभाजन नहीं, बल्कि लोगों को आपस में जोड़ना है।

यात्रा को लेकर कुछ समूहों ने इसे "धार्मिक ध्रुवीकरण" की कोशिश बताया। धीरेंद्र शास्त्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी यात्रा शांति और भाईचारे के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना उनकी प्राथमिकता है।

व्यापक प्रभाव :

यह पदयात्रा हिंदू समाज में एकता का आह्वान करने के साथ-साथ सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का संदेश देने की कोशिश कर रही है। धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं, जिससे यह यात्रा एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक आंदोलन बनती दिख रही है।