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महाकुंभ में पहली बार आएंगे शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य

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- इस बार होगा चारों पीठों के मिलन का अद्भुत संयोग

प्रयागराज। महाकुंभ में पहली बार चारों पीठों के मिलन का अद्भुत संयोग होगा। पहली बार शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य आएंगे। इस अद्भुत संयोग पर शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाएंगे। मेला अधिकारी इसकी सूचना देते हुए बताया कि महाकुंभ में बसने को शंकराचार्य मार्ग पर भूमि आवंटित की गई है।

महाकुंभ में पहली बार सनातन की चारों पीठों का मिलन होगा। कुंभ और महाकुंभ से इतिहास में इसे अद्भुत संयोग के रूप में देखा जा रहा है। पहली बार कर्नाटक स्थित शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ ने महाकुंभ का आमंत्रण स्वीकार किया है। शृंगेरी पीठ के शिविर के लिए शंकराचार्य मार्ग पर भूमि आवंटित की गई है। 

यह पहला अवसर है जब शृंगेरी पीठ का शिविर लगेगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कुंभ और महाकुंभ में अब तक द्वारका-शारदा और ज्योतिष्पीठ के अलावा पुरी पीठ के शंकराचार्य ही आते रहे हैं।

इस बार विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम में शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य भारती तीर्थ भी आ रहे हैं। वह 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के सबसे बड़े शाही स्नान पर्व पर संगम में शिष्यों, अनुयायियों और संतों के साथ डुबकी लगाएंगे।

महाकुंभ में देश-दुनिया के संतों-भक्तों के कल्याण के लिए विविध अनुष्ठान भी किए जाएंगे। शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य 25 से 30 जनवरी तक शिविर में सत्संग और समसामयिक विषयों पर संतों-भक्तों का मार्ग दर्शन करेंगे।

दक्षिणाम्नाय शृंगेरी शारदा पीठम के 35वें महंत अभिनव विद्या तीर्थ महास्वामी को वर्ष 1966 में उनकी विजय यात्रा के दौरान गंगा के तट पर स्थित पुरानी धर्मशाला जीर्ण-शीर्ण हालत में सौंपी गई थी।

प्रयाग आने वाले तीर्थयात्रियों के ठहराव के लिए उसका जीर्णोद्धार करवाया गया और वेद छात्रों को प्राच्य शैली में वैदिक शिक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 1970 में एक वेद पाठशाला की स्थापना भी की गई।

भारतीय चतुर्धाम वेद भवन न्यास ने वर्ष 1990 में वेद भवन महाविद्यालय एवं वेद पाठशाला का प्रबंधन शृंगेरी मठ को सौंप दिया। वर्ष 1994 में शंकराचार्य भारती तीर्थ ने प्रयाग यात्रा के दौरान धर्मशाला परिसर में शारदांबा मंदिर और शृंगेरी मठ के निर्माण की आधारशिला रखी थी। अब वहां महाकुंभ में उनके आगमन पर संतों-भक्तों के आतिथ्य और सेवा की तैयारियां की जा रही हैं।

कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य पहली बार महाकुंभ में प्रवास के लिए पधार रहे हैं। पीठ की बसावट के लिए भूमि-सुविधाएं आवंटित कर दी गई है।