- उन्होंने कहा कि यह 'हरिगढ़' है, न कि अलीगढ़
- राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री ने कहा एएमयू अब हिंदू विरोधी गतिविधियों का अड्डा
अलीगढ़। 'त्रिशूल दीक्षा' कार्यक्रम के दौरान विहिप राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने तीखे शब्दों में कहा कि भारत भूमि पर अब जिहाद नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म न कभी मिटा है और न कभी मिटेगा। जो इसे मिटाने की सोच रखते हैं, वे स्वयं मिट जाएंगे। सुरेंद्र जैन शुक्रवार को बजरंग दल द्वारा आयोजित शौर्य सभा और त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम में बोल रहे थे, जो लाल बहादुर शास्त्री कन्या महाविद्यालय में आयोजित किया गया था।
हिंदुओं पर अत्याचार और बांग्लादेश का उदाहरण -
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जहां भी मुसलमान बहुलता में होते हैं, वहां अल्पसंख्यकों का रक्त बहाया जाता है। उन्होंने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हिंदुओं पर जो अत्याचार हो रहे हैं, उनकी चिंता केवल भारत कर रहा है। जैन ने संयुक्त राष्ट्र (यूएनओ) से अपील की कि वह बांग्लादेश में शांति सेना भेजे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत बांग्लादेश में हिंदुओं को मरने नहीं देगा।
जातीय विभाजन का आरोप -
सुरेंद्र जैन ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थी लोग हमें जातियों में बांटना चाहते हैं, लेकिन हमें न बंटना है, न घटना है और न कटना है। उन्होंने हिंदू समाज से एकजुट रहने की अपील की।
अलीगढ़ का इतिहास और एएमयू पर सवाल -
अलीगढ़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह 'हरिगढ़' है, न कि अलीगढ़। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी दी गई जमीन पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की स्थापना हुई थी। लेकिन अब यहां राजा से ज्यादा मोहम्मद अली जिन्ना का नाम लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज, जो बाद में एएमयू बना, मुस्लिम नेता और अंग्रेजों की मिलीभगत से बना था। उन्होंने जिन्ना के उस बयान का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि यह कॉलेज "मुसलमानों का शस्त्रागार" है। सुरेंद्र जैन ने आरोप लगाया कि एएमयू अब हिंदू विरोधी गतिविधियों का अड्डा बन चुका है।
जैन ने कहा कि एएमयू के छात्रों को इस देश का खाकर इसी देश का बनकर रहना चाहिए। ऐसा करने पर ही वे सुखी रह सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने इतिहास और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और इसे किसी भी कीमत पर बचाना होगा।
बजरंग दल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम हिंदू समाज को जागरूक और संगठित करने के उद्देश्य से किया गया। कार्यक्रम में त्रिशूल दीक्षा के माध्यम से युवाओं को धर्म और समाज की रक्षा के लिए तैयार रहने की प्रेरणा दी गई।