- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष मोबाइल एप और हेल्पलाइन शुरू
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे "एकता का महायज्ञ" कहा है
प्रय़ागराज। महाकुंभ 2025 के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार का पूरा मंत्रिमंडल एक साथ संगम में डुबकी लगाएगा। इस पहल का उद्देश्य सामाजिक समरसता और एकता का संदेश देना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह अनूठा आयोजन होगा, जिसमें सभी मंत्री, अधिकारी, और प्रमुख धार्मिक नेता भाग लेंगे।
सामाजिक समरसता का संदेश -
यह सामूहिक स्नान समाज में जाति, धर्म, वर्ग और अन्य भेदभाव मिटाने का प्रतीकात्मक संदेश देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे "एकता और सामूहिकता का प्रतीक" बताया है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व -
महाकुंभ भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है। एक साथ स्नान करके मंत्रिमंडल यह दर्शाएगा कि सभी वर्ग और समुदाय गंगा के समान पवित्र और बराबर हैं।
तैयारियों पर जोर -
• उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के लिए 6700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
• कुंभ नगरी में स्वच्छता, यातायात, और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
• डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष मोबाइल एप और हेल्पलाइन शुरू की जाएगी।
धार्मिक नेता और संतों की भागीदारी -
इस स्नान के दौरान, सभी धर्मों और समुदायों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का जीवंत उदाहरण होगा।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संदेश -
महाकुंभ में मंत्रिमंडल का यह कदम भारत के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर भाईचारे का संदेश देने का एक प्रयास है।
महत्वपूर्ण घोषणाएँ -
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे "एकता का महायज्ञ" कहा है।
• महाकुंभ के लिए विशेष पर्यटन पैकेज की भी घोषणा की गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आकर्षित हो सकें।
स्नान की संभावित तारीख -
मुख्य स्नान पर्व के दौरान यह आयोजन किया जाएगा, जिसकी तिथि माघ पूर्णिमा (फरवरी 2025) के आसपास तय की जा रही है।
यह सामूहिक स्नान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकता, सामंजस्य और मानवता के मूल्यों को प्रोत्साहित करने का एक अद्वितीय प्रयास होगा।