पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरे देशभर में जाना जाता है। यहां कई ऐसे गांव हैं जिनके नाम भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। ऐसा ही एक गांव पिथौरागढ़ में है, जिसे पहले लोग “खूनी गांव” के नाम से जानते थे। इस नाम के कारण गांव के लोग लंबे समय से परेशान थे और नाम बदलने की मांग कर रहे थे। और अनेक कोशिशो के बाद सरकार ने उनकी मांग पूरी कर दी। जी हां पिथौरागढ़ का खूनी गांव अब “देवीग्राम” के नाम से जाना जाएगा। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने 18 अगस्त को गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद इसका नाम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी। इस गांव में करीब 60 परिवार रहते हैं और आबादी लगभग 380 है। ग्रामीणों का कहना था कि “खूनी” जैसे नाम से गांव की छवि खराब होती है और बच्चे-बूढ़े सभी मानसिक रूप से परेशान रहते थे। इस कारण से ग्रामवासि लंबे समय से नया नाम चाहते थे। इसलिए पूर्व ओएनजीसी महाप्रबंधक ललित मोहन जोशी ने भी ग्रामीणों के साथ मिलकर गांव का नाम बदलने की कोशिशें की थीं। ग्रामीणों ने सांसद अजय टम्टा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अपनी समस्या साझा की थी। जिसके बाद सरकार ने खूनी गांव का नाम बदलकर देवीग्राम कर दिया बताते चलें की गांव के पुराने नाम को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में यहां अंग्रेजों और ग्रामीणों के बीच संघर्ष हुआ था जिसमें काफी खून बहा, इसलिए गांव का नाम “खूनी गांव” पड़ा। बुजुर्ग यह भी बताते हैं कि पहले यहां कई अलौकिक और अप्रिय घटनाएं हुई थीं, जिनकी वजह से यह नाम जुड़ गया। अब गांव का नया नाम देवीग्राम रखे जाने से लोगों को राहत मिली है और वो गर्व के साथ अपने गांव को नई पहचान दे सकते हैं। नया नाम मिलने पर ग्राम प्रधान इंद्रा जोशी ने सरकार का आभार जताते हुए कहा- लंबे संघर्ष के बाद जीत मिली है। मां मल्लिकेश्वरी भगवती की भूमि में स्थित हमारे गांव का नाम देवीग्राम पड़नागर्व की बात हैं। ग्रामवासियों की तरफ से सरकार का आभार जताती हूं।