संभल, उत्तर प्रदेश
पंचायत चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बड़ा चुनावी फर्जीवाड़ा सामने आया है। थाना असमोली क्षेत्र के ग्राम विलालपत में फर्जी दस्तावेजों के सहारे मतदाता पहचान-पत्र बनवाने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। प्रशासन ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए 48 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। यह कार्रवाई लेखपाल की शिकायत पर की गई है, जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया है।
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जांच में खुली फर्जी वोटरों की पोल
क्षेत्राधिकारी कुलदीप कुमार ने बताया कि लेखपाल गुन्नू बाबू की तहरीर पर असमोली थाने में 48 नामजद आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की गहन जाँच की जा रही है और यदि जाँच में और नाम सामने आते हैं तो उनके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
लेखपाल गुन्नू बाबू के अनुसार, जिलाधिकारी संभल के निर्देश पर एक जाँच समिति गठित की गई थी। समिति ने 19 दिसम्बर 2025 को अपनी जाँच आख्या सौंपते हुए पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा किया। रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा गया है कि संबंधित लोगों ने बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए, जिनके आधार पर उनके नाम मतदाता सूची में दर्ज कर लिए गए।
डीएम के आदेश के बाद तेज हुई कार्रवाई
जाँच रिपोर्ट सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने 20 दिसम्बर 2025 को सख्त आदेश जारी किए। इसके बाद 22 दिसम्बर 2025 को तहसीलदार संभल ने विधिक कार्रवाई के निर्देश दिए। इन्हीं आदेशों के क्रम में लेखपाल की तहरीर पर ग्राम विलालपत के 48 आरोपियों पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
इन नामजद आरोपियों पर दर्ज हुई FIR
पुलिस के अनुसार एफआईआर में शहनवाज, जीशान, आमिर, अजीम, मौसिम, आले नवी, भूरा, मौ. आमिर, जुबैर, जुनैद, अस्ताना, शिफा, फिजा, उजमा, अनम, सैफुल, सना, मौ. समीर, खेरूल निशा, नुरे शवा, तराना, फरीदा, फरमान अली, अलशीफा, मौ. सौबी, अलीमा, मौ. समी, रजिया, गुलफिजा, मौ. तैयब, गुलाम मोहम्मद, कासिम, शाहिस्ता, फैजान, नरगिस, राबिया, मौ. सोहिल, दाऊद अली, मौ. जैद, साबेश, मुस्कान, जुनैद, यामीन, जुनैद आलम, रिहान, मौहम्मद कैफ, दानिश और तनवीर शामिल हैं। सभी आरोपी ग्राम विलालपत, तहसील व जनपद संभल के निवासी बताए गए हैं।

डीएम के दौरे में सामने आया मामला
पूरा मामला तब सुर्खियों में आया जब जिलाधिकारी संभल डॉ. राजेंद्र सिंह गाँव विलालपत पहुँचे थे। निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने गंभीर शिकायतें सामने रखीं। आरोप लगाया गया कि कई लोगों ने फर्जी दस्तावेज और गलत आधार संशोधन के जरिए अपने वोट बनवा लिए हैं। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने तत्काल जाँच के आदेश दिए, जिसके बाद यह बड़ा खुलासा हुआ।
चुनाव से पहले प्रशासन अलर्ट
पंचायत चुनाव से पहले सामने आए इस फर्जीवाड़े ने प्रशासन को पूरी तरह अलर्ट मोड में ला दिया है। अधिकारियों का कहना है कि मतदाता सूची की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
संभल में यह कार्रवाई न सिर्फ फर्जी वोटरों के लिए चेतावनी है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम भी माना जा रहा है।




