- UCC के तहत विवाह, तलाक, संपत्ति और गोद लेने जैसे सभी मामलों में समान नियम लागू होंगे
- सरकार ने UCC के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक डिजिटल पोर्टल और मोबाइल ऐप तैयार
- UCC से राज्य में महिलाओं, बच्चों और समाज के सभी वर्गों को न्याय मिलेगा।
उत्तराखंड। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ऐलान किया कि राज्य में समान नागरिक संहिता को जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा। यह निर्णय राज्य में सामाजिक समरसता और समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।
समिति की सिफारिशें :
• मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी।
• इस रिपोर्ट के आधार पर UCC का प्रारूप तैयार किया गया और इसे विधानसभा में पेश किया गया।
विधानसभा से पारित :
• 7 फरवरी 2024 को उत्तराखंड विधानसभा में UCC विधेयक पारित हुआ।
• विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी 12 मार्च 2024 को मिली, जिसके बाद अधिसूचना जारी की गई।
जनवरी से प्रभावी :
• मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2025 से कानून लागू कर दिया जाएगा।
• UCC के तहत विवाह, तलाक, संपत्ति और गोद लेने जैसे सभी मामलों में समान नियम लागू होंगे, चाहे व्यक्ति का धर्म या जाति कुछ भी हो।
तकनीकी तैयारी :
• सरकार ने UCC के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक डिजिटल पोर्टल और मोबाइल ऐप तैयार किया है।
• इस पोर्टल पर पंजीकरण, अपील और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया जाएगा।
महिलाओं और बच्चों के हित में बड़ा कदम :
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा और समाज में व्याप्त असमानताओं को खत्म करेगा।
मुख्यमंत्री का बयान :
"उत्तराखंड एक आदर्श राज्य बन रहा है। समान नागरिक संहिता का क्रियान्वयन हमारी सरकार का चुनावी वादा था और इसे समय पर पूरा किया गया है। UCC से राज्य में महिलाओं, बच्चों और समाज के सभी वर्गों को न्याय मिलेगा।"
राजनीतिक प्रतिक्रिया :
• भाजपा ने इस कदम को ऐतिहासिक बताया है और इसे "सबका साथ, सबका विकास" की दिशा में बड़ा कदम कहा है।
• विपक्षी दलों ने हालांकि इसे राजनीतिक एजेंडा बताते हुए इसे लेकर सवाल उठाए हैं।
देशभर में चर्चा :
उत्तराखंड के इस कदम ने राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। केंद्र सरकार ने इसे दूसरे राज्यों के लिए भी प्रेरणा बताया है।
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति और गोद लेने जैसे मामलों में एक समान कानून होगा, चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से संबंध रखता हो।