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इतिहास

कीर्तिवान महिलाओं का अनुसरण करें देश की नारी शक्ति – श्री गुरुजी

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 संघ संस्मरण 

दिनांक 27.06.1955 के आर्गेनाइज़र में प्रकाशित, चेन्नई की महिलाओं को सम्बोधन में श्री गुरुजी ने कहा, "प्रत्येक महिला झांसी की रानी बने, यह तो अपेक्षा नहीं कर सकते परन्तु अपने घर की और परिवार की देखभाल तथा साथ ही समाज की कुछ सेवा करना किसी भी महिला के लिए सम्भव है। शांतिपूर्वक सह अस्तित्व की कल्पना युधिष्ठिर द्वारा कौरवों के सम्मुख रखने पर द्रौपदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह सभी प्रकार की भीरुता धिक्कारती है। हर काल में अति श्रेष्ठ मानी जाने वाली जीजाबाई ने, आ सकने वाले संकटों व कठिन समस्याओं को जानते हुए भी अपने इकलौते पुत्र को रणांगण में भेजा। ऐसी महान, शौर्यशाली, अजरामर कीर्तिवान महिलाओं का अनुसरण करना चाहिये”

।। श्री गुरुजी व्यक्तित्व एवं कृतित्व, डॉ. कृष्ण कुमार बवेजा, पृष्ठ – 127-28 ।।